रविवार, 7 जुलाई 2019

अग्रवाल नर्सिंग होम में पुलिस का छापा

अग्रवाल नर्सिंग होम में पुलिस का छापा 
कलेक्टर के निर्देश में पुलिस ने की कार्यवाही    
भ्रूण परीक्षण के बाद भू्रण हत्या और दफनाने का लेता था कीमत
कीर्तिप्रभा, रीवा।
शहर का सबसे नामी गिरामी अग्रवाल नर्सिंग होम ने कलेक्टर के निर्देश पर छापा मार कार्यवाही में भू्रण परीक्षण करने वाली मशीन सहित भू्रण परीक्षण की मशीन जब्त कर ली गई है। लम्बे समय से भ्रूण परीक्षण के बाद भ्रूण हत्या करने और उसे दफनाने का करोबार शहर के बीचो-बीच खुटेही मोहल्ले में अग्रवाल नर्सिंग होम के नाम से संचालित संस्थान द्वारा किया जा रहा था। हलांकि इस बात की जानकारी रीवा जिले के स्वास्थ्य मुहमे के साथ-साथ पुलिस और जिला प्रशासन को होते हुए भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इतनी हिकमत नहीं कि कि डा. अग्रवाल के इस घिनौने कृत्य को रोका जा सके। यह भी सही है कि डा. अग्रवाल इतना शातिर दिमागी है कि वह अपने गंदगी को छिपाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से लेकर कई समाजिक संगठनों से जुड़ा हुआ है तथा सत्ता के संरक्षण प्राप्त करने के लिए रूपए पैसे का भी सौदेबाजी करने में संकोच नहीं करता। यही वजह है कि अग्रवाल नर्सिंग होम के अंदर कई बार मरीजों की मौत की घटनाएं गलत दबाइयों की वजह से रिएक्शन से मौत के मामले बार-बार होते रहे लोगों ने सड़क पर मृतकों की लाशें रख-रखकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते रहे परंतु डा. अग्रवाल की नोटों की गड्डियों के सामने न तो जिला प्रशासन कार्यवाही कर पाया और नाही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस अंधेरगर्दी को रोक सके। 
पाप की पराकाष्टा इतनी बढ़ गई थी कि डा. अरूण अग्रवाल एक छोटे से मकान से बढ़ते-बढ़ते खुटेही में आलीशान नर्सिंग होम और मकान के आजू-बाजू से लगे गरीबों की जमीन पैसे के दम पर हड़प लिए। यहां तक कि जनपद पंचायत रीवा की सरकार जमीन पर जिला प्रशासन के नाक के नीचे जबरिया कब्जा कर लिया और जनपद पंचायत के अधिकारी आते जाते दिन भर देखते रहते हैं पर अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। बल्कि डा. अरूण अग्रवाल ने जनपद की जमीन पर दूसरा अलीशान नर्सिंग होम की बिल्डिंग खडी कर दिया है। बहरहाल डा. अग्रवाल के इस काले धंधे की छापामारी  से इस बात की पुष्टि होती है कि देर है पर अंधेर नहीं और अपराध करने वाले पर प्रशासन की गंभीर नजर है। आज नहीं तो कल अपराधियों के गले में फांसी का फंदा जरूर पड़ेगा इस बात से नकारा नहीं जा्र सकता है। मालूम हो कि अग्रवाल नर्सिंग होम के डॉ अग्रवाल के द्वारा उनके निज निवास में र्भूण परीक्षण मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही करनी चाहिये उसमें पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए परीक्षण करते वक्त डॉक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर  स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के मुंह में चाटा मारा है।  दरअसल  इस मामले को लेकर कई बार भ्रूण परीक्षण करने की शिकायत रीवा कलेक्टर को मिलती रही इसके बाद रीवा कलेक्टर ने पुलिस की मदद से एक टीम गठित कर नर्सिंग होम में डॉक्टर को रंगे हाथ  पकड़ा है।  जहां डॉक्टर के इस घर से बिना रजिस्ट्रेशन हुई मशीन भी बरामद की गई है जिसके द्वारा यह परीक्षण किया जा रहा था।
विभागीय सह से हो रहे भ्रूण परीक्षण
अग्रवाल नर्सिंग होम के डॉ. श्री अग्रवाल के द्वारा ही नहीं बल्कि शहर के अंदर कई ऐसे नर्सिंग होम है जहां मुख्य चिकित्सा स्वाथ्य अधिकारी के निष्क्रियता के चलते भ्रूण लिंग परीक्षण हो रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी को ऐसे नर्सिंग होमों से वाकिब नहीं है जहां अवैध तरीके से लिंग भ्रूण परीक्षण किया जाता है। लेकिन कतिपय कारणों के चलते सीएमओ आरएस पाण्डेय कार्यवाही करने के बजाय ऐसे नर्सिंग होम के संचालकों को अवैध काम करने के लिए खुली छूट दिये हुए है। इतना ही नहीं शहर के अंदर कैसे पैथालॉजी सेन्टर, मेडिकल स्टोर तथा नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित है। स्वास्थ्य विभाग के सभी आला अधिकारियों को भी सब कुछ मालूम है लेकिन महिनवारी बधी होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा रही है। 
झोला छाप डॉक्टरों की भरमार
रीवा जिले के विभिन्न कस्बाई क्षेत्रो ंसे लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक झोला छाप डॉक्टरों का मेला लगा हुआ है। इस तरह के डॉक्टर अंधेरे में तीर चलाकर मरीजों की दवा कर रहे हैं। ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में बैठने वाले अधिकांश डॉक्टरों के पास किसी भी तरह की डिप्लोमा डिग्री नहीं है इसके बावजूद भी खुलेआम दवाईयां कर रहे हैं। अभी हाल में शासन का दबाव पडऩे के कारण कुछ ऐसे चिकित्सकों को विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा नोटिस भेजी गई है लेकिन जिन चिकित्सकों को नोटिस भेजी गई है उनके विरूद्ध अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि ऐसे चिकित्सकों से लेन-देन करके उन्हें दवा करने के लिए हरी झण्डी दे दी गई है। विकासखण्ड स्तर पर झोलाछाप डॉक्टरों से सीएमओ कार्यालय के नाम पर लेन-देन किया जा रहा है। यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा डॉक्टरों से ली गई राशि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक ही सीमित है अथवा कुछ हिस्सा सीएमओ कार्यालय भी पहुंच रहा है। 
सीएमओ की जुवानी
अवैध भ्रूण लिंग परीक्षण के संबंध में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी आरएस पाण्डेय से जब पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि हमारे आने के पूर्व से नर्सिंग होमों में गोरख धंधे चल रहे हैं। इसके पहले भी किसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस मामले में नर्सिंग होमों को सीज नहीं किया गया है। सीएमओ श्री पाण्डेय के उक्त जवाब से यह साबित होता है कि आरएस पाण्डेय भी उतना ही काम करना चाहते हैं जितना पूर्व के सीएमओ कर के गये है। हालांकि ये भी सही है श्री पाण्डेय के आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं का आलम देखने को मिल रहा है। इनके निष्क्रियता का नतीजा है कि सीएचसी और पीएचसी में पदस्थ चिकित्सक अस्पताल जाने के बदले अपने घर अथवा दुकान में बैठ कर प्राइवेट प्रैक्टिस करने में लगे हुए है। जिसके चलते गरीब तबके के लोगों को भी अस्पताल में दिखाने के बजाय प्राइवेट डॉक्टरों के शरण में जाना पड़ रहा है।

अग्रवाल नर्सिंग होम में पुलिस का छापा

अग्रवाल नर्सिंग होम में पुलिस का छापा  कलेक्टर के निर्देश में पुलिस ने की कार्यवाही     भ्रूण परीक्षण के बाद भू्रण हत्या और दफनाने का ...