गुरुवार, 29 नवंबर 2018

सतना विधानसभा में हजारों मतदाताओं के नाम वोटरलिस्ट से गायब

सतना (ब्यूरो)। सतना विधानसभा क्रमांक 63 में हर वार्ड में यह देखा गया कि वोटरलिस्ट से नाम गायब मिले। जिसमें मतदाताओं ने अपना वोट नहीं डाल पाये। हाल यह रहा कि घंटो मतदाता वोटर लिस्ट में अपना नाम देखते रहे लेकिन उनका नाम कही नहीं मिला। मजे की बात तो यह है कि जो लोग 3 पीढी से लगातार एक ही जगह निवास कर रहे है और खेती कर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहेहै। उनका ही वोटर लिस्ट से नाम गायब है।
खबर के अनुसार वार्ड नंबर 29 पतेरी चर्च के पास रहने वाले मुस्लिम परिवार के 7 लोगों के नाम वोटरलिस्ट से गायब मिले है। उनके नाम है कलीमुज्जमा, सलीमुज्जमा, हमीदुज्जमा, महिलाओं में इसरत बानो पत्नी कलीमुज्जमा, रेहाना खातून, पत्नी सलीमुज्जमा, हमीदुज्जमा व 3 अन्य शामिल है। इसी तरह से वार्ड 24 कृष्ण नगर में 292 के बाद 300 सौ 24 के बीच के नाम वोटरलिस्ट से गायब कर दिये गये है। बताया जाता है कि इस परिवार का मुखिया पुलिस में है। इसी तरह से उतैली के वाड4 22 में मिश्रा परिवार के तीन लोगों के नाम वोटर लिस्ट  से गायब कर दिये गये है। जिनके नाम है संतोष मिश्रा पिता राम नरेश मिश्रा, मीरा मिश्रा पत्नी संतोष जो 20 वर्षो से मतदानकर रहे थे। वही वार्ड 5 में त्रिपाठी परिवार के 5 लोगों के नाम गायब हो गये है।
इसी तरह से शहर के अन्य वार्डो में सैकडो लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिये गये है। बताया जाता है कि यह लापरवाही बीएलओ की बतायी जा रही है। जो मनमानी कर मतदाताओं के वोटरलिस्ट से नाम गायब कर दिये है। जो कि कलेक्टर चुनाव आयोग के सख्त आदेश रहे कि किसी मतदाताओं का नाम वोटरलिस्ट से छूटे न। इसके बाद भी बीएलओ अपनी मनमानी कर वोटरलिस्ट से हजारों लोगों के नाम गायब कर दिये है।
इधर मतदाताओं ने बताया कि जिस तरह से इस बार हजारों लोगों का सपना विधानसभा से नाम वोटरलिस्टसे उडाये गये है ऐसा कभी नहीं हुआ। अधिकारी भी इसका ध्यान नहीं दे रहे है जिससे बीएलओ अपनी मनमानी कर रहे है। इस सरकार के पूर्व चुनाव के 6 माह पहले स्कूल के मास्टरों द्वारा घर घर जाकर हर व्यक्ति का नाम जोडते थे। और फोटो लेकर उनका परिचय पत्र भी बनाकर घर भेज देते थे। लेकिन अब ये समय आ गया है कि लोगों को कलेक्ट्रेट जाकर नाम जोडवाने के लिये भटकना पडता है। क्योंकि वहा कोई कर्मचारी न अधिकारी वोटर आई डी बनानेके लिये नहीं सुनता। यही कहता है कि बगल में चले जाये वहांपर जाने पर यही जवाब मिलता है बगल में चले जाये। इस प्रकार मतदाता परेशान होकर कलेक्ट्रेट से भी वापस आ जाते है। जिला कलेक्टर को चाहिये कि इस मामले में सख्ती के साथ  जांच कराये और जिनके नाम वोटरलिस्ट से उडाये गये है उनके नाम वोटरलिस्ट में दर्ज कराये ताकि कोई मतदाता मतदान के दौरान बंचित न हो सके।

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