शनिवार, 1 दिसंबर 2018

आज से शुरू होंगी अर्द्घवार्षिक परीक्षाएं

कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं, 12वीं की परीक्षाएं स्कूलों में ही होगी
कीर्तिप्रभा, रीवा।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा अर्द्घवार्षिक परीक्षा के लिए जो समय सारिणी घोषित की गई है उसके तहत शनिवार से जिले के सभी हाईस्कूल तथा हायर सेकंडरी स्कूलों में परीक्षाएं शुरू होंगी और इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग में तैयारी कर ली है। कक्षा 9वीं, 10वीं और 11वीं, 12वीं की परीक्षाएं स्कूलों में ही हो रही है। दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। सुबह के समय 9वीं और 10वीं तथा दोपहर 11वीं और 12वीं की परीक्षाएं होंगी। ज्ञात हो कि इस वर्ष एक माह विलंब से अर्द्घवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। नवम्बर माह में प्रतिवर्ष अर्द्घवार्षिक परीक्षा के लिए समय स्कूल शिक्षा विभाग के कैलेण्डर में निर्धारित है। लेकिन विधानसभा चुनाव के चलते इसमें परिवर्तन किया गया था और चुनाव सम्पन्न होने के बाद एक दिसम्बर से परीक्षा के लिए समय निर्धारित किया गया।
नेट से पेपर उपलब्ध
बोर्ड परीक्षाओं के हिसाब से अर्द्घवार्षिक परीक्षा स्कूलों में आयोजित की जाती है और उसी के तहत स्कूल शिक्षा विभाग प्रश्न पत्र तैयार करके नेट के माध्यम से सभी स्कूलों को प्रश्न पत्र उपलब्ध करा रहा है। उक्त पेपर का प्रिंट आउट निकालकर जिला स्तर पर प्रश्न पत्र तैयार करवाए गए हैं। यह परीक्षा छात्र-छात्राओं के लिए एक तरह से तैयारी ही मानी जाती है। कारण यह कि शिक्षण सत्र का आधा से ज्यादा समय निकल चुका है। ऐसे में पढाई का लेखा-जोखा इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों का होता है। परिणाम आने के बाद कमजोर छात्रों को वार्षिक परीक्षा के लिए तैयार करने का काम भी किया जाएगा।
बिना तैयारी के परीक्षा
इस वर्ष अर्द्घवार्षिक परीक्षा छात्र-छात्राएं अपने बलबूते पर ही देने जा रहे हैं। एक माह से चुनाव का कार्य लगातार चल रहा था और इसका असर स्कूलों में सीधे तौर पर पढा है। स्कूल स्टाफ जहां चुनाव कार्य को पूरा कराने में लगा हुआ था वहीं पढाई का कार्य न के बराबर हुआ है। यही वजह है कि अर्द्घवार्षिक परीक्षा के लिए जहां छात्र अपने बलबूते पर तैयारी करके बैठ रहे हैं वहीं स्कूल स्टाफ भी परीक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं माना जा रहा है। बहरहाल परिणाम आने के बाद छात्रों की पढाई का लेखा-जोखा सामने आ पाएगा।
स्कूलों में परिवहन समिति के गठन को लेकर विभाग सख्त
रीवा। स्कूलों में पढ़ाई करने वाले नौनिहाल बच्चों के घर से स्कूल आने और जाने के समय सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं और जब भी हादसे हुए हैं स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं। बावजूद इसके जारी दिशा-निर्देश पूरी तरह से अमल पर नहीं आ पाता है और समय गुजरने के बाद तथा हादसा होने के बाद ऐसे आदेशों की फाइलों को जिम्मेदार लोग रिपीट करते हैं। दरअसल जिला शिक्षा विभाग में जनवरी 2018 में परिवहन समिति के गठन किए जाने तथा छात्रों को स्कूल तक पहुंचाने वाले वाहनों के संबंध में एक बायोडाटा तैयार करने का निर्देश शासन द्वारा जारी किया गया था। उक्त फाइल भी डीईओ कार्यालय में तैयार की गई और वह 10 माह से धूल खा रही थी। हाल ही में रीवा, सतना के बार्डर क्षेत्र में हुए सडक हादसे में स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी और इस घटना के बाद एक बार फिर स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग न सिर्फ हरकत में आया है बल्कि पुरानी फाइल को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
क्या है नियम
जनवरी 2018 को सभी स्कूलों के स्कूली वाहनों के सुरक्षित संचालन के लिए निर्देश जारी किए गए थे। जिसके तहत नियम 2017 की कंडिका में उल्लेखित प्रावधानों के पालन न करने की स्थिति में ऐसी स्कूलों की मान्यता समाप्त किए जाने का निर्देश दिया गया था। उक्त निर्देश के तहत सभी वाहनों की जानकारी शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संचालित करने परिवहन के लिए निर्धारित मानको एवं गुणवत्तायुक्त वाहनों का उपयोग, वाहनों की क्षमतानुसार करने के निर्देश दिए गए थे। शैक्षणिक संस्था स्तर पर एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गए थे। लेकिन न तो समिति का गठन स्कूलों में किया गया और न ही शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई गई। शाला परिवहन समन्वय समिति का गठन करने के निर्देश के बाद भी इस मामले में लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसी स्कूलों के खिलाफ अब नोटिस जारी करके सवाल जवाब भी किया जा रहा है।

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