एआईबीओसी द्वारा घोषित हड़ताल का रीवा में भी व्यापक असर रहा और इस हड़ताल से जिले के सभी बैंक कार्यालयों में शुक्रवार को कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। यह हड़ताल बैंक अधिकारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर की गई थी। जबकि अधिकारियों की हड़ताल के चलते कर्मचारी भी कामकाज में शामिल नहीं हो पाए। कारण यह है कि अधिकारियों के हड़ताल में होने से कार्यालयों में ताला लटका रहा। जिसके चलते कर्मचारी कार्यालय के बाहर हड़ताल को लेकर चर्चा आदि करने के बाद वापस लौट गए। बताया जा रहा है कि कार्यालयों की जिम्मेदारी चूकी अधिकारियों के पास रहती है। जिसके चलते कार्यालयों में ताला लटका रहा।
रीवा। हड़ताल के चलते जिले के लगभग ढाई सौ बैंक कार्यालयों के एक हजार अधिकारी जहां हड़ताल पर रहे वहीं बैंक में काम न होने के कारण लगभग ढाई हजार कर्मचारी भी बैंकिंग कामकाज में हिस्सा नहीं ले पाए। जिसके चलते जिले में लगभग 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित होना बताया जा रहा है। अधिकारियों ने आंदोलन के तहत बैंक कार्यालय के बाहर सुबह एकत्रित होकर अपनी जायज मांगों के संबंध में आवाज उठाते हुए नारेबाजी किए तो वहीं मुख्य कार्यालय में सभी अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने एकत्रित होकर की गई हड़ताल के संबंध में आवाज उठाई है।
बिना समझौता वेतनमान लागू करने की मांग
एआईबीओसी की जारी स्ट्राइक के दौरान बैंक अधिकारियों ने सरकार के समक्ष आवाज उठाई है कि वेतन को बिना शर्त लागू किया जाए। साथ ही बैंकों को मर्ज करने वाले आदेश को वापस लिया जाए इससे आम उपभोक्ताओं को जहां समस्या आ रही है वहीं बैंकों की स्थिति बिगड़ रही है। दरअसल सरकार द्वारा छोटे-छोटे बैंक कार्यालयों को बंद करके उन्हें दूसरे बैंकों में मर्ज किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण अंचलों में संचालित बैंक शाखाएं बंद होने से उपभोक्ताओं को समस्या आ रही है। बैंक अधिकारियों की मांग है कि यह निर्णय हित में नहीं है। इससे बैंक कारोबार सीमित होता जा रहा है।
चार दिन बैंकों में नहीं होगा काम
शुक्रवार को बैंक हड़ताल होने के चलते बैंकिंग कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश है। जबकि मंगलवार को क्रिसमस डे के चलते छुट्टी रहेगी और बुधवार को बैंक कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल करेंगे। यूं कहा जाए कि इन पांच दिनों के अंतराल में महज सोमवार को बैकिंग कामकाज हो पाएगा। ऐसे में उपभोक्ताओं के बैकिंग कामकाज प्रभावित होने के साथ ही एटीएम सेवा पर भी इसका असर पडेगा। आने वाले समय में लोग पैसे के लिए मारे-मारे फिरेंगे। पहले दिन कई एटीएम में करंसी न होने के मैसेज पढने के बाद उपभोक्ताओं में निराशा देखी गई।
रीवा। हड़ताल के चलते जिले के लगभग ढाई सौ बैंक कार्यालयों के एक हजार अधिकारी जहां हड़ताल पर रहे वहीं बैंक में काम न होने के कारण लगभग ढाई हजार कर्मचारी भी बैंकिंग कामकाज में हिस्सा नहीं ले पाए। जिसके चलते जिले में लगभग 200 करोड़ का लेनदेन प्रभावित होना बताया जा रहा है। अधिकारियों ने आंदोलन के तहत बैंक कार्यालय के बाहर सुबह एकत्रित होकर अपनी जायज मांगों के संबंध में आवाज उठाते हुए नारेबाजी किए तो वहीं मुख्य कार्यालय में सभी अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने एकत्रित होकर की गई हड़ताल के संबंध में आवाज उठाई है।
बिना समझौता वेतनमान लागू करने की मांग
एआईबीओसी की जारी स्ट्राइक के दौरान बैंक अधिकारियों ने सरकार के समक्ष आवाज उठाई है कि वेतन को बिना शर्त लागू किया जाए। साथ ही बैंकों को मर्ज करने वाले आदेश को वापस लिया जाए इससे आम उपभोक्ताओं को जहां समस्या आ रही है वहीं बैंकों की स्थिति बिगड़ रही है। दरअसल सरकार द्वारा छोटे-छोटे बैंक कार्यालयों को बंद करके उन्हें दूसरे बैंकों में मर्ज किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण अंचलों में संचालित बैंक शाखाएं बंद होने से उपभोक्ताओं को समस्या आ रही है। बैंक अधिकारियों की मांग है कि यह निर्णय हित में नहीं है। इससे बैंक कारोबार सीमित होता जा रहा है।
चार दिन बैंकों में नहीं होगा काम
शुक्रवार को बैंक हड़ताल होने के चलते बैंकिंग कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश है। जबकि मंगलवार को क्रिसमस डे के चलते छुट्टी रहेगी और बुधवार को बैंक कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल करेंगे। यूं कहा जाए कि इन पांच दिनों के अंतराल में महज सोमवार को बैकिंग कामकाज हो पाएगा। ऐसे में उपभोक्ताओं के बैकिंग कामकाज प्रभावित होने के साथ ही एटीएम सेवा पर भी इसका असर पडेगा। आने वाले समय में लोग पैसे के लिए मारे-मारे फिरेंगे। पहले दिन कई एटीएम में करंसी न होने के मैसेज पढने के बाद उपभोक्ताओं में निराशा देखी गई।
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