शनिवार, 1 दिसंबर 2018

स्कूलों में परिवहन समिति के गठन को लेकर विभाग सख्त

रीवा।  स्कूलों में पढ़ाई करने वाले नौनिहाल बच्चों के घर से स्कूल आने और जाने के समय सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं और जब भी हादसे हुए हैं स्कूली बच्चों के सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं। बावजूद इसके जारी दिशा-निर्देश पूरी तरह से अमल पर नहीं आ पाता है और समय गुजरने के बाद तथा हादसा होने के बाद ऐसे आदेशों की फाइलों को जिम्मेदार लोग रिपीट करते हैं। दरअसल जिला शिक्षा विभाग में जनवरी 2018 में परिवहन समिति के गठन किए जाने तथा छात्रों को स्कूल तक पहुंचाने वाले वाहनों के संबंध में एक बायोडाटा तैयार करने का निर्देश शासन द्वारा जारी किया गया था। उक्त फाइल भी डीईओ कार्यालय में तैयार की गई और वह 10 माह से धूल खा रही थी। हाल ही में रीवा, सतना के बार्डर क्षेत्र में हुए सड़क हादसे में स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी और इस घटना के बाद एक बार फिर स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग न सिर्फ हरकत में आया है बल्कि पुरानी फाइल को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
जनवरी 2018 को सभी स्कूलों के स्कूली वाहनों के सुरक्षित संचालन के लिए निर्देश जारी किए गए थे। जिसके तहत नियम 2017 की कंडिका में उल्लेखित प्रावधानों के पालन न करने की स्थिति में ऐसी स्कूलों की मान्यता समाप्त किए जाने का निर्देश दिया गया था। उक्त निर्देश के तहत सभी वाहनों की जानकारी शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संचालित करने परिवहन के लिए निर्धारित मानको एवं गुणवत्तायुक्त वाहनों का उपयोग, वाहनों की क्षमतानुसार करने के निर्देश दिए गए थे। शैक्षणिक संस्था स्तर पर एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए गए थे। लेकिन न तो समिति का गठन स्कूलों में किया गया और न ही शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई गई। शाला परिवहन समन्वय समिति का गठन करने के निर्देश के बाद भी इस मामले में लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसी स्कूलों के खिलाफ अब नोटिस जारी करके सवाल जवाब भी किया जा रहा है। अंजनी कुमार त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार परिवहन समिति का गठन करने का नियम है तथा नियम के तहत छात्रों के परिवहन की व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी भी स्कूलों की है। इस संबंध में सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया जा रहा है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आदेश पर जो भी अमल नहीं करता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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