काफी मशक्कत के बाद खुला जाम
रीवा। शहर में बढ़ रही वाहनों की आबादी के कारण समूचे शहर को इन दिनों जाम के झाम में जूझना पड़ रहा है। इसके साथ ही लोगों को वाहन चलाते समय नियम कानूनों की तेरही करने की कारण और भी स्थिति भयावाह हो जाती है। ऐसा ही नजारा बुधवार को सुबह लगभग 9 बजे के आसपास निराला नगर में देखने को मिला। बताया जाता है कि स्टेडियम से लेकर बाईपास तक सड़क निर्माण किया जा रहा है। जिससे मार्ग को एकांकी किया गया है। इस एकांकी मार्ग में एक के एके पीछे चलने के बजाय वाहन चालक अपनी पुरानी आंदतों के कारण जहां देखों वहीं खड़ा कर देते है तथा जहां मन हो वहीं से निकलना शुरू कर देते है। इसी के चलते लगभग यहां पर 3-4 घंटे से जाम का झाम लोगों को जूझना पड़ा। जाम की सूचना पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस के जवान करण सिंह यादव ने मोर्चा सम्हाला तथा एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम के झाम से मुक्ति दिलवाई तब कहीं जाकर यातायात सामान्य हो सका। गौरतलब है कि शहर में आये दिन लगातार कहीं न कहीं जाम का झाम लोगों को परेशान कर रहा है। इसका कारण यह समझ में आया कि लोग खुद ही गलत तरीकों से वाहनों को पार्किंग में खड़ा करते है तथा खुद ही गलत तरीके से वाहनों की ड्राइविंग करते है जिससे इस समस्या से निजात मिलना मुश्किल दिख रहा है। क्योंकि यहां पर अपने आप को ओव्हर स्मार्ट ड्राइवर समझने की गलती दो पहिया चालक , तीन पहिया चालक करते है।
नहीं जानते नियम
शहर की सड़कों पर अपने वाहनों को लेकर भर्राटा भरने वाले आटो चालक तथा दो पहिया वाहन चालक या अन्य चालकों को यातायात नियमों की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए लगातार शहर में जाम की स्थिति बनती है। क्योंकि आज तक इन लोगों को न तो नियम कानून पढ़ाया गया और न ही उन्हे नियमों की समझाइसद अब तक दी गई। इसलिए बिना नियम कानून जाने ही शहर में वाहन दौड़ रहे वाहन चालकों को हमेशा ही समस्या का सामना करना पड़ता है।
मनमर्जी के मालिक
शहर के वाहन चालक अपनी मनमर्जी के मालिक है। यातायात के नियमों की अनदेखी करना उनकी आदत में सुमार हो गया है। इसके साथ ही यातायात पुलिस भी केवल वाहनों से जुर्माना वसूली करती है उन्हे नियमों की जानकारी नहीं देती है। यदि उन्हे जुर्माना वसूलने के साथ नियम का भी पाढ़ पढ़ाना शुरू कर दे तो धीरे-धीरे लोगों के दिमांग में वह घुस जायेगा और वह स्वयं इसमें सहयोग करने लगेगे लेकिन ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि लोग जहां जाते है सड़क के किनारे यहां वहां मनमर्जी से वाहनों की पार्किंग कर देते है। जिससे लोगों को परेशानियों के साथ जाम से जूझना पड़ता है।
सड़कों पर अक्सर पार्किंग
शहर में यह देखा गया है कि अक्सर वाहन चालक अपने वाहनों को उल्टा-सीधा करके सड़क पर ही बिना किसी भय के पार्क कर यहां वहां चले जाते है तथा यह जानते हुए कि हमारी वजह से जाम लग जायेगा लेकिन उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि वह तो अपने गंतव्य तक पहुंच चुके है दूसरे से कोई सरोकार नहीं है। यह सोच के कारण वाहनों को यहां वहा वेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते है जिससे जाम की समस्या होती है।
कैसे मिले निजात
यदि शहर के लोगों को जाम के झाम से मुक्ति चाहते है तो उन्हे खुद के साथ ही दूसरों को भी यातायात नियमों की जनकारी देनी होगी तथा वाहनों को न तो यहां वहा खड़ा करे तथा दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें तो कुछ हद तक इस समस्या से निजात मिल सकती है। इसके साथ ही यातायात पुलिस को पूरी कड़ाई के साथ वाहन मालिकों पर सख्ती व जुर्माने की कार्यवाही के साथ समझाइस देना होगा। इसके लिए हर चौराहों के साथ ही प्रमुख स्थानों पर यातायात संबंधी मुहिम चलाकर यातायात नियमों की जानकारी पढ़ानी होगी तब जाकर यह समस्या हल हो सकती है।
होती है औपचारिकता
अक्सर देखा गया है कि जब भी यातायात सप्ताह का समय आता है तो यतायात पुलिस हमेशा औपचारिकता निभाती है न ही सही तरीके से यातायात सप्ताह के समय लोगों को जानकारी देती है। इसके लिए हर चौराहों पर नियम कानून संबंधी पंपलेस के साथ ही विज्ञापन, पोस्टर आदि को लगाकर सड़क संबंधी नियमों को बताये तथा चलने के तरीका यदि सिखाया जाए तो जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
एकांकी करने की जरूरत
शहर के कई मार्गाे को पूरी तरह से एकांकी करने के साथ ही कुछ स्थानों पर बड़े वाहनों को घुसने से रोकने के लिए बैरीकेट्स या फिर लोहे के एंगल लगाकर रोकना होगा तभी इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि सब्जी मण्डी में लोगा अपने वाहनों को लेकर पूरे मण्डी परिसर में घूमते रहते है जिससे वहां जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसे बंद करना होगा। सड़कों पर पार्किंग किसी भी सूरत में नहीं दी जाए आदि कई नजरियें को बदलकर इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।
रीवा। शहर में बढ़ रही वाहनों की आबादी के कारण समूचे शहर को इन दिनों जाम के झाम में जूझना पड़ रहा है। इसके साथ ही लोगों को वाहन चलाते समय नियम कानूनों की तेरही करने की कारण और भी स्थिति भयावाह हो जाती है। ऐसा ही नजारा बुधवार को सुबह लगभग 9 बजे के आसपास निराला नगर में देखने को मिला। बताया जाता है कि स्टेडियम से लेकर बाईपास तक सड़क निर्माण किया जा रहा है। जिससे मार्ग को एकांकी किया गया है। इस एकांकी मार्ग में एक के एके पीछे चलने के बजाय वाहन चालक अपनी पुरानी आंदतों के कारण जहां देखों वहीं खड़ा कर देते है तथा जहां मन हो वहीं से निकलना शुरू कर देते है। इसी के चलते लगभग यहां पर 3-4 घंटे से जाम का झाम लोगों को जूझना पड़ा। जाम की सूचना पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस के जवान करण सिंह यादव ने मोर्चा सम्हाला तथा एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम के झाम से मुक्ति दिलवाई तब कहीं जाकर यातायात सामान्य हो सका। गौरतलब है कि शहर में आये दिन लगातार कहीं न कहीं जाम का झाम लोगों को परेशान कर रहा है। इसका कारण यह समझ में आया कि लोग खुद ही गलत तरीकों से वाहनों को पार्किंग में खड़ा करते है तथा खुद ही गलत तरीके से वाहनों की ड्राइविंग करते है जिससे इस समस्या से निजात मिलना मुश्किल दिख रहा है। क्योंकि यहां पर अपने आप को ओव्हर स्मार्ट ड्राइवर समझने की गलती दो पहिया चालक , तीन पहिया चालक करते है।
नहीं जानते नियम
शहर की सड़कों पर अपने वाहनों को लेकर भर्राटा भरने वाले आटो चालक तथा दो पहिया वाहन चालक या अन्य चालकों को यातायात नियमों की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए लगातार शहर में जाम की स्थिति बनती है। क्योंकि आज तक इन लोगों को न तो नियम कानून पढ़ाया गया और न ही उन्हे नियमों की समझाइसद अब तक दी गई। इसलिए बिना नियम कानून जाने ही शहर में वाहन दौड़ रहे वाहन चालकों को हमेशा ही समस्या का सामना करना पड़ता है।
मनमर्जी के मालिक
शहर के वाहन चालक अपनी मनमर्जी के मालिक है। यातायात के नियमों की अनदेखी करना उनकी आदत में सुमार हो गया है। इसके साथ ही यातायात पुलिस भी केवल वाहनों से जुर्माना वसूली करती है उन्हे नियमों की जानकारी नहीं देती है। यदि उन्हे जुर्माना वसूलने के साथ नियम का भी पाढ़ पढ़ाना शुरू कर दे तो धीरे-धीरे लोगों के दिमांग में वह घुस जायेगा और वह स्वयं इसमें सहयोग करने लगेगे लेकिन ऐसा होना संभव नहीं दिख रहा है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि लोग जहां जाते है सड़क के किनारे यहां वहां मनमर्जी से वाहनों की पार्किंग कर देते है। जिससे लोगों को परेशानियों के साथ जाम से जूझना पड़ता है।
सड़कों पर अक्सर पार्किंग
शहर में यह देखा गया है कि अक्सर वाहन चालक अपने वाहनों को उल्टा-सीधा करके सड़क पर ही बिना किसी भय के पार्क कर यहां वहां चले जाते है तथा यह जानते हुए कि हमारी वजह से जाम लग जायेगा लेकिन उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि वह तो अपने गंतव्य तक पहुंच चुके है दूसरे से कोई सरोकार नहीं है। यह सोच के कारण वाहनों को यहां वहा वेतरतीब ढंग से खड़ा कर देते है जिससे जाम की समस्या होती है।
कैसे मिले निजात
यदि शहर के लोगों को जाम के झाम से मुक्ति चाहते है तो उन्हे खुद के साथ ही दूसरों को भी यातायात नियमों की जनकारी देनी होगी तथा वाहनों को न तो यहां वहा खड़ा करे तथा दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें तो कुछ हद तक इस समस्या से निजात मिल सकती है। इसके साथ ही यातायात पुलिस को पूरी कड़ाई के साथ वाहन मालिकों पर सख्ती व जुर्माने की कार्यवाही के साथ समझाइस देना होगा। इसके लिए हर चौराहों के साथ ही प्रमुख स्थानों पर यातायात संबंधी मुहिम चलाकर यातायात नियमों की जानकारी पढ़ानी होगी तब जाकर यह समस्या हल हो सकती है।
होती है औपचारिकता
अक्सर देखा गया है कि जब भी यातायात सप्ताह का समय आता है तो यतायात पुलिस हमेशा औपचारिकता निभाती है न ही सही तरीके से यातायात सप्ताह के समय लोगों को जानकारी देती है। इसके लिए हर चौराहों पर नियम कानून संबंधी पंपलेस के साथ ही विज्ञापन, पोस्टर आदि को लगाकर सड़क संबंधी नियमों को बताये तथा चलने के तरीका यदि सिखाया जाए तो जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
एकांकी करने की जरूरत
शहर के कई मार्गाे को पूरी तरह से एकांकी करने के साथ ही कुछ स्थानों पर बड़े वाहनों को घुसने से रोकने के लिए बैरीकेट्स या फिर लोहे के एंगल लगाकर रोकना होगा तभी इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है। क्योंकि अक्सर देखा गया है कि सब्जी मण्डी में लोगा अपने वाहनों को लेकर पूरे मण्डी परिसर में घूमते रहते है जिससे वहां जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसे बंद करना होगा। सड़कों पर पार्किंग किसी भी सूरत में नहीं दी जाए आदि कई नजरियें को बदलकर इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।
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