सोमवार, 3 दिसंबर 2018

दिव्यांग दिवस पर आचार संहिता का प्रभाव

पढ़ाई का स्तर कमजोर होने से पीछे रह जाते हैं दिव्यांग
रीवा। शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होने वाले बच्चों का जीवन स्तर लगातार खराब हो रहा है और इसके पीछे का कारण है कि बच्चों की पढ़ाई का स्तर काफी कमजोर है। जिस स्तर से पढ़ाई होनी चाहिए वह रीवा जिले के बच्चों की नहीं हो पाती है। जबकि उनके अनुपात में इंदौरए भोपालए होशंगाबाद जैसे जिलों में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई और शिक्षित होने के बाद उनके जीवन स्तर को आगे बढ़ाने में परिजन और सहयोगी काफी आगे हैं। जिले में इसके पीछे का कारण है कि दिव्यांगों की पढ़ाई और जीवन स्तर को लेकर जन जागरूकता की कमी है। दिव्यांग बच्चों के माता.पिता बच्चों की इस स्थिति को देखकर वे मानसिक रूप से स्वयं परेशान रहते हैं और बच्चे के जीवन स्तर की चिंता उन्हें बच्चों को आगे बढऩे में सपोर्ट नहीं कर पाती है। यही वजह है कि दिव्यांग बच्चे पढ़ाई आदि में पीछे रह जाते हैं और आगे चलकर उनका जीवन स्तर और खराब हो जाता है। जबकि दिव्यांग बच्चों के लिए भी पढ़ाई उतनी ही जरूरी है जितना कि सामान्य बच्चों की। इससे दिव्यांग अपना जीवन स्तर अच्छा कर सकते हैं और उनमें सोचने.समझने की क्षमता तो बढ़ती ही हैं आगे रोजगार के अवसर भी होते हैं। लेकिन पढ़ाई न करने से सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।
यहां है ज्यादा स्थिति खराब
समग्र स्पर्श रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए तो जिले में 11822 सत्यापित दिव्यांगों की संख्या है। जबकि 12343 कुल दिव्यांग जिले में हैं। सबसे ज्यादा दिव्यांगों की संख्या जनपद पंचायत रीवा क्षेत्र में मौजूद है जहां 1455 दिव्यांग सत्यापित हैं। इसी तरह रायपुर जनपद में 1433 तथा सिरमौर जनपद में 1400 तो वहीं रीवा नगरी क्षेत्र में 1365 दिव्यांग मौजूद हैं। इसी तरह गंगेव में 984ए जवा 992ए त्योंथर 597ए नईगढ़ी 885ए मऊगंज 831ए हनुमना 805ए गुढ़ 135ए गोविंदगढ़ 109ए चाकघाट 60ए पंचायतवार दिव्यांग मौजूद हैं। जबकि नगर परिषद गोविंदगढ़ में 109ए चाकघाट में 60ए त्योंथर में 180ए नईगढ़ी 82ए बैकुण्ठपुर 94ए मऊगंज 98ए मनगवां 105ए सेमरिया 62ए सिरमौर नगर परिषद 86 व हनुमना नगर परिषद में 59 दिव्यांग चिंहित किए गए हैं।
तीन दिसम्बर को विश्व विकलांग दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष सामान्य तरीके से बिछिया स्थित स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके पीछे का कारण है कि आचार संहिता अभी प्रभावशील है। चूंकि मतगणना का कार्य 11 दिसम्बर को होना है। जिसके चलते विकलांग दिवस पर बच्चों को खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। जबकि इस कार्यक्रम में जन प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे तथा अन्य कोई बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। जानकारी के मुताबिक सुबह 9 बजे से बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित होगी। तो वहीं पेंटिंग तथा अन्य कला से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित करके बच्चों को उत्साहित किया जाएगा।
कुपोषण है कारण
जिले में कुपोषण की स्थिति खराब है और बढ़ते कुपोषण को लेकर प्रदेश सरकार और प्रशासन लगातार प्रयासरत है कि इस समस्या को दूर किया जाए। चूंकि रीवा जिले में गरीब तबके के लोग ज्यादा निवास करते हैं यही वजह है कि सही खान.पान न होने से कुपोषण और शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर बच्चे तैयार हो रहे हैं।
इनका कहना है
इस क्षेत्र में पढ़ाई का स्तर दिव्यांग बच्चों में कम है। इससे उनके आगे के जीवन में समस्या आती है। हम सभी का प्रयास है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा से जोड़कर उनके जीवन स्तर को बढ़ाया जाए।
.सुचिता तिर्की जिला सामाजिक न्यायाधिकारी

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