शनिवार, 22 दिसंबर 2018

धान खरीदी केन्द्र में नहीं हो रहा सुधार, चौपट हुई व्यवस्था

कीर्तिप्रभा, रीवा।
एक माह से ज्यादा का समय धान खरीदी को लेकर निकल चुका है। लेकिन धान खरीदी को लेकर अभी तक गति नहीं आ पा रही है। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि खरीदी केन्द्रों में व्याप्त अव्यवस्था के चलते किसानों की धान की केन्द्रों में बिक्री न होने के कारण या तो वे केन्द्रों में धान लेकर नहीं जा रहे हैं या फिर व्यापारी के यहां धान की बिक्री करने का मजबूर हो रहे हैं। खास पहलू यह है कि जिले में बनाए गए 63 धान खरीदी केन्द्रों में से महज 21 केन्द्रों में धान की खरीदी की जा रही है जबकि 44 ऐसे केन्द्र हैं जहां अभी भी धान की खरीदी न हो पाना कहीं न कहीं लापरवाही को उजागर कर रहा है। खरीदी न हो पाने के पीछे की मुख्य वजह है कि खरीदी केन्द्रों के कर्मचारियों द्वारा सही तरीके से खरीदी नहीं की जा रही। किसानों का पंजीयन तथा तरह-तरह के किसानों से दस्तावेज आदि की मांग किए जाने सहित अन्य ऐसी समस्याएं सामने आ रही हैं। जिन खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी जा रही है उसके तहत अभी तक में लगभग 30 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। जबकि 15 जनवरी तक सवा लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य लिया गया है और खरीदी करने के लिए एक माह से भी कम का समय केन्द्रों के पास बचा है। ऐसे में लक्ष्य से काफी कम खरीदी होने की संभावना जताई जा रही है।
मंडियों में पंजीकृत हम्माल, तौलदार भी अब अनाज खरीदी में काम करने की बजाय आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि शासन-प्रशासन ने उनकी बातें नहीं सुनी तो 20 दिसम्बर से वे आंदोलन करेंगे। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अकेले करहिया मण्डी में लगभग 150 पंजीकृत लाइसेंसधारी हम्माल एवं तौलदार पंजीकृत हैं। लाइसेंसधारी कर्मचारियों की मंडी बोर्ड द्वारा सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा गारंटी ली गई है। लेकिन दुर्भाग्य है कि सहकारी समितियां जो मण्डी परिसर के अंदर ही संचालित हैं एवं खरीदी केन्द्रों में ठेके के गैर पंजीकृत मजदूरों से काम लिया जा रहा है। पंजीकृत मजदूर काम न मिलने के कारण भुखमरी की ओर बढ रहे हैं और उनका परिवार भूखों मरने की स्थिति में है। उन्होंने बताया कि इस समस्या से पूर्व में ही प्रशासन को अवगत कराया गया है और उन्हें काम नहीं दिया गया और पैसे नहीं मिलते हैं तो वे हड़ताल करेंगे।
शिकायत मिली तो खैर नहीं
मण्डी और खरीदी केन्द्रों में लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए आनन-फानन में कलेक्टर प्रीति मैथिल करहिया कृषि उपज मण्डी का औचक निरीक्षण करके उन्होंने मण्डी अधिकारियों और कर्मचारियों को साफ कर दिया है कि शिकायतें मिलती हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंडियों में व्याप्त अव्यवस्था से प्रशासन अवगत है। यही वजह है कि कलेक्टर ने हिदायत देकर व्यवस्था को दुरस्त बनाने की बात कही है। उन्होंने निर्देश में साफ किया है कि जो भी किसान मण्डी में अनाज की बिक्री करने के लिए लेकर आ रहे हैं उनकी खरीदी बराबर की जानी चाहिए और समय पर खरीदी की जाए जिससे उन्हें मण्डी में रुकने तथा अन्य तरह की समस्या न आ सके। बहरहाल जिला प्रशासन के इस निर्देश का कितना पालन हो पाता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
अब तक चली बहानेबाजी
ज्ञात हो कि धान खरीदी को लेकर अभी तक बहानेबाजी का ही दौर चलता रहा है। 15 नवम्बर से खरीदी को लेकर प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन पहले मतदान और मतगणना की बहानेबाजी चलती रही और फिर किसानों की धान की गहाई न हो पाना कारण सामने आता रहा है। चुनाव का कार्य सम्पन्न होने के बाद अब शासन के नए निर्देश के बहानेबाजी भी सामने आने लगी है।

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