रीवा जिला ही नही पूरे प्रदेश मे जहां एक तरफ हमारी ऐतिहासिक धरोहरों व प्राकृतिक स पदा का विनाश हुआ है, तोवही पशु पक्षी से लेकर जानवरो की दुर्दशा दिन प्रतिदिन चिन्ता का विषय है। जिन गौ माता ही पूजा घर घर होती थी, गौ माता मानव की जीवन नैया को वैतरणी से पार ले जाती थी उसी गाय माता की दुर्दशा देख इस सारे विकास के बावजूद संस्सारिक जीवन औचित्यहीन लगता है। इस सबके वावजूद भी जानवरों का जगह जगह कत्लेआम हो रहा है,्र सरकारे जानवरों के माध्यम से भारी भरकम पैसा कमा रही है। प्रदेश में चल-पशु तस्करी का काला धंधा प्रशासन की सह पर फलफूल रहा है और प्रश्न उठाये जाने और कार्यवाही की माग किये जाने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है.
अभी हाल ही में पिछले सप्ताह जिले के थाना गढ़ एवं लालगांव चौकी अन्तर्गत पिपरहा नामक ग्राम से चल-पशु तस्करी का धंधा सामने आया था जिसमे पिपरहा-क्योटी ग्राम के बगीचे में कुछ तथाकथित पशु व्यापारियों द्वारा बैलों के सैकड़ों की सं या में झुंड को रंगे हांथों दबोचा गया था तब भी लालगांव चौकी प्रभारी गौरव नेमा एवं थाना गढ़ टी आई सीएस तिवारी द्वारा ले दे करके मामले को रफा दफा करने का प्रयाश किया गया और सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी पर अनावश्यक और अवैधानिक तरीके से दबाब बनाया गया था जिसके बाद लिखित शिकायत भी आई जी एवं एसपी रीवा को दी गई थी जिसकी जांच एसडीओपी मनगवां के पास आई हुई है.
पिपरहा और बैकुंठपुर मामले में समानता
अभी दिनाँक 31 दिसंबर 2018 के दिन थाना बैकुंठपुर अन्तर्गत हर्दी मोड़ से डिहिया-धुन्धकी जाने वाले मार्ग पर जिन तथाकथित पशु व्यापारियों को दबोचा गया था उनमे सुशील मिश्रा पिता लक्ष्मण प्रसाद मिश्रा निवासी पिपरहा थाना गढ़ एवं बाबूलाल यादव पिता रामविलाश यादव निवासी रामपुर थाना मनगवां, सियासरण यादव निवासी सेदहा थाना गढ़ के थे. लेकिन पुलिश ने लिस्ट में सात लोगों के नाम दिए हैं. बता दें पिपरहा एवं बैकुंठपुर वाले पशु तस्करी के दोनो मामलों में वही एक ही लोग स िमलित थे. यह अपने आप को पशु व्यापारी बता रहे हैं लेकिन इनके पास पशुओं के व्यापार का कोई भी रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नही था. इनके पास इस बात का भी कोई प्रमाण उपलब्ध नही था की यह पशु कहां से खरीदे गए थे और कहां को बेचने ले जाए जा रहे थे. सामाजिक प्रयाशों एवं बजरंग दल के सहयोग से दबोचा
बैकुंठपुर थाना अन्तर्गत हर्दी-डिहिया रास्ते से 400 गोवंशों को ले जाते हुए जिन पशु तस्करों को दबोचा गया वह सामाजिक प्रयाशों से ही स भव हो सका. बेबाक शक्ति न्यूज़ के लिए कार्य करने वाले प्रदीप पटेल द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी को मोबाइल फ़ोन के माध्यम से पूरी घटना की जानकारी दी गई जिसे आगे पुलिश विभाग बैकुंठपुर एवं कंट्रोल रूम रीवा को बताया गया साथ ही कार्यवाही में हीलाहवाली होने और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर बजरंग दल के नगर विद्यार्थी प्रमुख रोहित तिवारी, जिला बजरंग दल संयोजक अतुल पांडेय सहित खुलासा न्यूज़ लाइव के आनंद द्विवेदी को बताया गया जो की मौके पर पहुचे और शांतिप्रिय ढंग से स्थिति पर नियंत्रण करते हुए तथाकथित पशु व्यापारियों के पास जाकर उनके कागज़ात वगैरह की जानकारी मागे और कहा की चूंकि मामला पूरा संदिग्ध है इसलिए आप लोग यहां से तब तक आगे न जाएं जब तक की पुलिश आकर जांच पड़ताल न कर ले और पुलिश हमे आपके कार्य के विषय में पूरी तरह से संतुष्ट न कर दे.
बैकुंठपुर पुलिश ने किया खानापूर्ति
इसके बाद काफी दबाब के बाद मौके पर पुलिश पहुची जिसमे रोहिणी नाम का मुंसी और एक सिपाही आया जो मात्र खानापूर्ति करके रवाना हो गया. पुलिश ने उल्टा उपस्थित पत्रकारों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को फर्जी बताना प्रार भ किया और पशु तस्करों से बिना कोई जानकारी लिए ही उन्हें सही होने की सर्टिफिकेट दे डाली। बैकुंठपुर पुलिस ने बनाई मनगढ़ंत रिपोर्टबता दें की पूर्वाग्रह से ग्रसित बैकुंठपुर पुलिश ने पशु तस्करों से मिलकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और मीडिया के उपस्थित प्रदीप पटेल और आनंद द्विवेदी के विरुद्ध फर्जी और मनगढ़ंत रिपोर्ट बनाई जिसमे मीडिया के पत्रकारों को फर्जी बताया साथ ही उल्टे बजरंग दल के उपस्थित कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही करने की बातें कही.
टी आई मंगल सिंह का अमंगल कार्य
बैकुंठपुर टी आई मंगल सिंह ने अमंगल करने का प्रयाश किया. बता दें की पत्रकारों और उपस्थित कुछ लड़कों द्वारा सीक्रेट तरीके से बनाये गए वीडियो में पुलिश और पशु तस्करों की मिलीभगत की कारगुजारी सामने आई है जिसमे टी आई मंगल सिंह पशु तस्करों को बैठाकर उनसे काफी स मान से बातें कर रहा है वहीं फरियादियों बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और मीडिया के लोगों से बेहूदगी पूर्वक बातें कर रहा है. यहां तक की बेबाक शक्ति न्यूज़ के रीवा ब्यूरो चीफ प्रदीप पटेल और खुलाशा न्यूज़ लाइव के ब्यूरो चीफ आनंद द्विवेदी को बार बार टी आई फर्जी बता रहा है और अवैधानिक तरीके से दबाब बना रहा है. वायरल वीडियो में मंगल सिंह का अमंगल कार्य सामने आया है जिसमे पशु तस्करों को वह स्वयं कह रहा है की जाकर सरपंच से लिखवा करके लाओ सब ठीक हो जाएगा.
वायरल वीडियो में पशु तस्करों ने बताया पुलिश का संरक्षण बता दें की मौके पर उपस्थित लोगों द्वारा एक वीडियो भी बनाया गया है जिसमे जब बजरंग दल एवं मीडिया के लोग पशु तस्करों से पूंछ रहे हैं तो तथाकथित पशु व्यापारी सुशील मिश्रा द्वारा बताया गया की सगरा पुलिश के किसी अभिषेक नामक सिपाही का सहयोग रहता है. सुशील ने आगे बताया की हम 200 से 400 रुपये प्रति खेप दे देते हैं और कोई कार्यवाही नही होती और हमे जाने दिया जाता है. इस वीडियो में और भी बहुत बातें पशु तस्करों द्वारा पुलिश के संदर्भ में की गई हैं जिससे पुलिश की पूरी कार्यप्रणाली ही संदेह के दायरे में आ चुकी है. बैकुंठपुर पुलिश द्वारा फर्जी मुकदमे में फसाने का अमंगल कार्य
आज सबसे बड़ा सवाल यह है जो भी सामाजिक संगठन एवं गोरक्षा से जुड़े दल और लोग गोतस्करी को रोकने का प्रयाश करते हैं और लगाम लगाने के प्रयत्न करते हैं तो स्वयं पुलिश प्रशासन ही बहुत बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहा है. बता दें की पिपरहा ग्राम थाना गढ़ में इसी प्रकार की चल-पशु तस्करी की वारदात पर जब एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा लालगांव और थाना गढ़ पुलिश पर दबाब बनाकर कार्यवाही करवाने के लिए प्रयाश किये गए तब भी गढ़ और लालगांव पुलिश ने फर्जी मुकदमे में फसाने के अमंगल कार्य की धमकी दी थी. ध्यान फाउंडेशन से जुड़े लोगों ने भी किया प्रयाश जब बैकुंठपुर थाना अन्तर्गत डिहिया ग्राम के पास के चल-पशु तस्करी के मामले को सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा ऊपर तक उठाया गया तो ध्यान फाउंडेशन नई दिल्ली से जुड़े गोभक्तों और गोरक्षा के लिए कार्य करने वाले संगठनों ने भी अपने प्रयाश किये लेकिन लोकल रीवा पुलिश की नकारात्मक रुख के चलते सार्थक कार्यवाही फिर नही हो पायी.
टी आई मंगल सिंह ने जारी किया अपनी प्रेस विज्ञप्ति
घटना के अगले दिन बैकुंठपुर टी आई मंगल सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है जो आजकल कुछ व्हाट्सएप्प ग्रुप में वायरल हो रही है। इस प्रेस विज्ञप्ति में टी आई ने अपनी मनगढ़ंत रिपोर्ट दे डाली जिसमे पत्रकारों को फर्जी और बजरंग दल वालों को अपराधी ठहरा रहा है. टी आई द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में बताया जा रहा है की पशु तस्कर स्वयं तस्कर न हो कर गांव के किसान और पशु व्यापारी हैं. इसी से स्पष्ट हो जाता है की आखिर आज के समय में जब पशुओं की भारी दुर्दशा हो रही है उन्हें नहरों, घाटियों, जलप्रपातों में फेंका जा रहा है साथ ही अवैध बाड़ों में कैद करके भूखा प्यासा मारा जा रहा है ऐसे में कौन से ऐसे महान किसान है जो पशुओं को रखना चाह रहे हैं और उनका व्यापार कर रहे हैं? आखिर यह पशु व्यापार किसके वास्ते किये जा रहे हैं? टी आई की प्रेस विज्ञप्ति में बताए गए तथाकथित किसान और पशु व्यापारी आज मवेशियों का कितना खयाल रख रहे हैं यह बात आज किसी से छुपी नही है. पशुओं के व्यापार और कृषि के नाम पर पशु तस्करों द्वारा काटने के लिए ले जाए जा रहे पशुओं का काफी पुराना काला धंधा सामने आया है जिस पर उच्चस्तरीय टीम गठित कर सीआईडी और सीबीआई से जांच की जानी चाहिए और पूरा काला चिठ्ठा सामने आना चाहिए.
अभी हाल ही में पिछले सप्ताह जिले के थाना गढ़ एवं लालगांव चौकी अन्तर्गत पिपरहा नामक ग्राम से चल-पशु तस्करी का धंधा सामने आया था जिसमे पिपरहा-क्योटी ग्राम के बगीचे में कुछ तथाकथित पशु व्यापारियों द्वारा बैलों के सैकड़ों की सं या में झुंड को रंगे हांथों दबोचा गया था तब भी लालगांव चौकी प्रभारी गौरव नेमा एवं थाना गढ़ टी आई सीएस तिवारी द्वारा ले दे करके मामले को रफा दफा करने का प्रयाश किया गया और सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी पर अनावश्यक और अवैधानिक तरीके से दबाब बनाया गया था जिसके बाद लिखित शिकायत भी आई जी एवं एसपी रीवा को दी गई थी जिसकी जांच एसडीओपी मनगवां के पास आई हुई है.
पिपरहा और बैकुंठपुर मामले में समानता
अभी दिनाँक 31 दिसंबर 2018 के दिन थाना बैकुंठपुर अन्तर्गत हर्दी मोड़ से डिहिया-धुन्धकी जाने वाले मार्ग पर जिन तथाकथित पशु व्यापारियों को दबोचा गया था उनमे सुशील मिश्रा पिता लक्ष्मण प्रसाद मिश्रा निवासी पिपरहा थाना गढ़ एवं बाबूलाल यादव पिता रामविलाश यादव निवासी रामपुर थाना मनगवां, सियासरण यादव निवासी सेदहा थाना गढ़ के थे. लेकिन पुलिश ने लिस्ट में सात लोगों के नाम दिए हैं. बता दें पिपरहा एवं बैकुंठपुर वाले पशु तस्करी के दोनो मामलों में वही एक ही लोग स िमलित थे. यह अपने आप को पशु व्यापारी बता रहे हैं लेकिन इनके पास पशुओं के व्यापार का कोई भी रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नही था. इनके पास इस बात का भी कोई प्रमाण उपलब्ध नही था की यह पशु कहां से खरीदे गए थे और कहां को बेचने ले जाए जा रहे थे. सामाजिक प्रयाशों एवं बजरंग दल के सहयोग से दबोचा
बैकुंठपुर थाना अन्तर्गत हर्दी-डिहिया रास्ते से 400 गोवंशों को ले जाते हुए जिन पशु तस्करों को दबोचा गया वह सामाजिक प्रयाशों से ही स भव हो सका. बेबाक शक्ति न्यूज़ के लिए कार्य करने वाले प्रदीप पटेल द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी को मोबाइल फ़ोन के माध्यम से पूरी घटना की जानकारी दी गई जिसे आगे पुलिश विभाग बैकुंठपुर एवं कंट्रोल रूम रीवा को बताया गया साथ ही कार्यवाही में हीलाहवाली होने और स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर बजरंग दल के नगर विद्यार्थी प्रमुख रोहित तिवारी, जिला बजरंग दल संयोजक अतुल पांडेय सहित खुलासा न्यूज़ लाइव के आनंद द्विवेदी को बताया गया जो की मौके पर पहुचे और शांतिप्रिय ढंग से स्थिति पर नियंत्रण करते हुए तथाकथित पशु व्यापारियों के पास जाकर उनके कागज़ात वगैरह की जानकारी मागे और कहा की चूंकि मामला पूरा संदिग्ध है इसलिए आप लोग यहां से तब तक आगे न जाएं जब तक की पुलिश आकर जांच पड़ताल न कर ले और पुलिश हमे आपके कार्य के विषय में पूरी तरह से संतुष्ट न कर दे.
बैकुंठपुर पुलिश ने किया खानापूर्ति
इसके बाद काफी दबाब के बाद मौके पर पुलिश पहुची जिसमे रोहिणी नाम का मुंसी और एक सिपाही आया जो मात्र खानापूर्ति करके रवाना हो गया. पुलिश ने उल्टा उपस्थित पत्रकारों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को फर्जी बताना प्रार भ किया और पशु तस्करों से बिना कोई जानकारी लिए ही उन्हें सही होने की सर्टिफिकेट दे डाली। बैकुंठपुर पुलिस ने बनाई मनगढ़ंत रिपोर्टबता दें की पूर्वाग्रह से ग्रसित बैकुंठपुर पुलिश ने पशु तस्करों से मिलकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और मीडिया के उपस्थित प्रदीप पटेल और आनंद द्विवेदी के विरुद्ध फर्जी और मनगढ़ंत रिपोर्ट बनाई जिसमे मीडिया के पत्रकारों को फर्जी बताया साथ ही उल्टे बजरंग दल के उपस्थित कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही करने की बातें कही.
टी आई मंगल सिंह का अमंगल कार्य
बैकुंठपुर टी आई मंगल सिंह ने अमंगल करने का प्रयाश किया. बता दें की पत्रकारों और उपस्थित कुछ लड़कों द्वारा सीक्रेट तरीके से बनाये गए वीडियो में पुलिश और पशु तस्करों की मिलीभगत की कारगुजारी सामने आई है जिसमे टी आई मंगल सिंह पशु तस्करों को बैठाकर उनसे काफी स मान से बातें कर रहा है वहीं फरियादियों बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और मीडिया के लोगों से बेहूदगी पूर्वक बातें कर रहा है. यहां तक की बेबाक शक्ति न्यूज़ के रीवा ब्यूरो चीफ प्रदीप पटेल और खुलाशा न्यूज़ लाइव के ब्यूरो चीफ आनंद द्विवेदी को बार बार टी आई फर्जी बता रहा है और अवैधानिक तरीके से दबाब बना रहा है. वायरल वीडियो में मंगल सिंह का अमंगल कार्य सामने आया है जिसमे पशु तस्करों को वह स्वयं कह रहा है की जाकर सरपंच से लिखवा करके लाओ सब ठीक हो जाएगा.
वायरल वीडियो में पशु तस्करों ने बताया पुलिश का संरक्षण बता दें की मौके पर उपस्थित लोगों द्वारा एक वीडियो भी बनाया गया है जिसमे जब बजरंग दल एवं मीडिया के लोग पशु तस्करों से पूंछ रहे हैं तो तथाकथित पशु व्यापारी सुशील मिश्रा द्वारा बताया गया की सगरा पुलिश के किसी अभिषेक नामक सिपाही का सहयोग रहता है. सुशील ने आगे बताया की हम 200 से 400 रुपये प्रति खेप दे देते हैं और कोई कार्यवाही नही होती और हमे जाने दिया जाता है. इस वीडियो में और भी बहुत बातें पशु तस्करों द्वारा पुलिश के संदर्भ में की गई हैं जिससे पुलिश की पूरी कार्यप्रणाली ही संदेह के दायरे में आ चुकी है. बैकुंठपुर पुलिश द्वारा फर्जी मुकदमे में फसाने का अमंगल कार्य
आज सबसे बड़ा सवाल यह है जो भी सामाजिक संगठन एवं गोरक्षा से जुड़े दल और लोग गोतस्करी को रोकने का प्रयाश करते हैं और लगाम लगाने के प्रयत्न करते हैं तो स्वयं पुलिश प्रशासन ही बहुत बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहा है. बता दें की पिपरहा ग्राम थाना गढ़ में इसी प्रकार की चल-पशु तस्करी की वारदात पर जब एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा लालगांव और थाना गढ़ पुलिश पर दबाब बनाकर कार्यवाही करवाने के लिए प्रयाश किये गए तब भी गढ़ और लालगांव पुलिश ने फर्जी मुकदमे में फसाने के अमंगल कार्य की धमकी दी थी. ध्यान फाउंडेशन से जुड़े लोगों ने भी किया प्रयाश जब बैकुंठपुर थाना अन्तर्गत डिहिया ग्राम के पास के चल-पशु तस्करी के मामले को सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा ऊपर तक उठाया गया तो ध्यान फाउंडेशन नई दिल्ली से जुड़े गोभक्तों और गोरक्षा के लिए कार्य करने वाले संगठनों ने भी अपने प्रयाश किये लेकिन लोकल रीवा पुलिश की नकारात्मक रुख के चलते सार्थक कार्यवाही फिर नही हो पायी.
टी आई मंगल सिंह ने जारी किया अपनी प्रेस विज्ञप्ति
घटना के अगले दिन बैकुंठपुर टी आई मंगल सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है जो आजकल कुछ व्हाट्सएप्प ग्रुप में वायरल हो रही है। इस प्रेस विज्ञप्ति में टी आई ने अपनी मनगढ़ंत रिपोर्ट दे डाली जिसमे पत्रकारों को फर्जी और बजरंग दल वालों को अपराधी ठहरा रहा है. टी आई द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में बताया जा रहा है की पशु तस्कर स्वयं तस्कर न हो कर गांव के किसान और पशु व्यापारी हैं. इसी से स्पष्ट हो जाता है की आखिर आज के समय में जब पशुओं की भारी दुर्दशा हो रही है उन्हें नहरों, घाटियों, जलप्रपातों में फेंका जा रहा है साथ ही अवैध बाड़ों में कैद करके भूखा प्यासा मारा जा रहा है ऐसे में कौन से ऐसे महान किसान है जो पशुओं को रखना चाह रहे हैं और उनका व्यापार कर रहे हैं? आखिर यह पशु व्यापार किसके वास्ते किये जा रहे हैं? टी आई की प्रेस विज्ञप्ति में बताए गए तथाकथित किसान और पशु व्यापारी आज मवेशियों का कितना खयाल रख रहे हैं यह बात आज किसी से छुपी नही है. पशुओं के व्यापार और कृषि के नाम पर पशु तस्करों द्वारा काटने के लिए ले जाए जा रहे पशुओं का काफी पुराना काला धंधा सामने आया है जिस पर उच्चस्तरीय टीम गठित कर सीआईडी और सीबीआई से जांच की जानी चाहिए और पूरा काला चिठ्ठा सामने आना चाहिए.
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