रीवा। शहर इन दिनों पूरी तरह से यातायात की अव्यवस्था की चपेट में है। जहां देखों वहीं यहां-वहां , जहां तहां वाला हिसाब किताब वाहन मालिकों को रहता है। न्यू बस स्टैण्ड हो या फिर पुराना बस स्टैण्ड अथवा पेट्रोल पंप हर जगह अव्यवस्थित तरीके से वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। जिससे सड़क जहां रात्रि में कई मीटर चौड़ी दिखाई देती है तो सुबह होते ही वह सिमट कर मात्र कुछ मीटर में रह जाती है। इसका कारण यह है कि सुबह होते ही शहर की सड़कों पर पुलिस की उदासीन रवैये और उगाही नीत के कारण ठेला वालों का कब्जा रहता है। बची खुची कसर आटो वाले पूरी कर देते है। क्योंकि यदि एक लाइन में 5 आटो चा रहे है तो वह पूरी सड़क को कव्हर कर चलते है। उन्हे तो पुलिस का डर ही नहीं है साथ ही वह साईड में न चलने की कसम खाकर बिना नियम कानून की तेरही-बरखी करते हुए चल रहे है। आखिर ऐसा क्या कारण है कि शहर की बिक्रम पुल पूरी तरह से गैराज के रूप धारण कर चुकी है। जबकि वहीं पर पुलिस द्वारा वाहनों की चेकिंग की जाती है लेकिन कभी क्या किसी पुलिस वाले ने इन बसों को हटाने की चेकिंग की है। भगवान न करें कभी ओव्हर लोड के कारण पुलिया टूट जाए तो इसमें किसकी जबावदारी होगी। क्योंकि रात्रि के समय नो एंट्री खुलने के बाद भारी वाहनों का प्रवेश बन जाता है। वहीं पुलिया में आधा दर्जन से अधिक बसे खड़ी रहती है जिससे उसमें कई टन का भार पड़ता है धीरे-धीरे पुलिया अपनी क्षमता खो सकती है और गंभीर हादसा हो सकता है। जिससे सकर्त रहने की जरूरत है। नवागत पुलिस कप्तान को इस संबंध में ध्यान देने की जरूतत है। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान भाजपा विधायक राजेन्द्र शुक्ला के प्रयासों के कारण भले ही सड़क का चौतरफा विकास कर दिया गया हो, शहर के अंदर 4 लेन सड़के बना दी गई या बनवाई जा रही हो लेकिन जब तक यातायात पुलिस सही तरीके से यातायात का पाठ नहीं पढ़ायेगी तब तक वाहन चालक लोगों को मुसीबत देते रहे है।
यही वजह है कि जगह-जगह जाम का झाम रहता है। दिन भर तो यूं ही चलता रहता है लेकिन स्कूल टाईम के समय तो जबरदस्त जाम देखने को मिलता है जिससे सुधारने की जरूरत है।
सड़क बनी पार्किंग
अमूमन शहर के प्रमुख मार्गो के साथ ही नगर निगम के अंतर्गत आने वाले हर स्थान में शहर की सड़के पार्किंग का स्वरूप ले चुकी है। शिल्पी प्लाजा, अमहिया, सिरमौर चौराहा, कालेज चौराहा के साथ ही हर स्थानों पर वाहन चालक अपने वाहनों को सीधे सड़क पर पार्किंग कर रहे है जिससे यातायात पूरी तरह से अव्यवस्थित हो जाता है। अब तक कोई ऐसा अधिकारी नहीं आया है जो रीवा की यातायात व्यवस्था को सुधार सके।
शॉपिंग मॉल सबसे बड़ी मुसीबत
शहर में बनने वाले या बनाये जा चुके शॉपिंग मॉल यातायात अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण माने जा रहे है। क्योंकि इन शापिंग मॉल के पास खुद की कोई ऐसी जमीन नहीं छोड़ रखी है जिसमें उनके यहां समान खरीदने आने वाले लोगों के वाहनों को अपने यहां खड़ा किया जाए। जिससे लोग इन शॉपिंग मॉल में आने वाले लोग अपना वाहन बीच सड़क पर पार्क कर समान खरीदने चले जाते है और कई घंटे बाद लौटते है जिससे लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वी मार्ट, बिग बाजार, एसपीएस माल, बाजार इंडिया, शिल्पी प्लाजा, वी मार्ट 2 , जॉन टावर, रमागोविंद पैलेस आदि ऐसे स्थान है जहां पर खुद की जमीन नहीं होने के कारण सड़क में पार्किंग होती है और लोगों को मुसीबत के साथ जाम का कारण बन रहे है।
स्कूले भी कम नहीं है
मॉल के बाद स्कूलें भी कम नहीं है जहां खुद की पार्किंग को बंद किये रहते है और सड़कों पर वाहनों की पार्किंग मुसीबत बनती है। इसमें बाल भारती, ज्ञान स्थली, राजहंस, पीके स्कूल, ज्योति स्कूल, पेन्टियम प्वाइंट कालेज आदि ऐसी स्कूले है जहां पर जाम की समस्या आम रहती है।
जगह-जगह ठेला
सिरमौर चौराहा शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है। यहां पर चारों तरफ जाने के लिए मार्ग है लेकिन ठेला, फुटपाथी, ओव्हर ब्रिज में जबरिया पार्किंग बनाकर यहां पर दुकानदारों को जगह आवंटित कर चौड़ी सड़कों को सकरी करने का काम किया जाता है जिससे दिनभर जाम का झाम होता रहता है।
लगातार होगी कार्यवाही
यातायात नियम तोडऩे वालों के ऊपर लगातार कार्यवाही की जा रही है। तथा शहर के यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। लोगों को यातायात का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लाल बत्ती बीच में जम्प कर भागने वालों पर भी कार्यवाही की जाती है। इसके साथ ही शहर के विभिन्न शॉपिंग मॉल संचालकों बीच-बीच में समझाइस देकर सड़क में वाहन पार्किंग नहीं कराने की बाते भी कही जाती है। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान कई बार शांपिंग मॉल पर अव्यवस्थित खड़े वाहनों पर चलानी कार्यवाही की जा चुकी है आगे भी जारी रहेगी। यह कहना है यातायात प्रभारी अमित विश्वकर्मा का। शनिवार को उन्होंने बताया कि 40 वाहनों पर चालानी कार्यवाही की गई। जिसमें जय स्तंभ, न्यू बस स्टैण्ड, धोबिया टंकी, ढेकहा तिराहा शामिल है। इन वाहनों से लगभग 20 हजार से अधिक की राजस्व वसूली की गई है। साथ ही लगातार उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशन के साथ अधिकारियों की देख-रेख में वाहनों की चेकिंग जारी है। यह अभियान लगातार चलता रहेगा।
यही वजह है कि जगह-जगह जाम का झाम रहता है। दिन भर तो यूं ही चलता रहता है लेकिन स्कूल टाईम के समय तो जबरदस्त जाम देखने को मिलता है जिससे सुधारने की जरूरत है।
सड़क बनी पार्किंग
अमूमन शहर के प्रमुख मार्गो के साथ ही नगर निगम के अंतर्गत आने वाले हर स्थान में शहर की सड़के पार्किंग का स्वरूप ले चुकी है। शिल्पी प्लाजा, अमहिया, सिरमौर चौराहा, कालेज चौराहा के साथ ही हर स्थानों पर वाहन चालक अपने वाहनों को सीधे सड़क पर पार्किंग कर रहे है जिससे यातायात पूरी तरह से अव्यवस्थित हो जाता है। अब तक कोई ऐसा अधिकारी नहीं आया है जो रीवा की यातायात व्यवस्था को सुधार सके।
शॉपिंग मॉल सबसे बड़ी मुसीबत
शहर में बनने वाले या बनाये जा चुके शॉपिंग मॉल यातायात अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण माने जा रहे है। क्योंकि इन शापिंग मॉल के पास खुद की कोई ऐसी जमीन नहीं छोड़ रखी है जिसमें उनके यहां समान खरीदने आने वाले लोगों के वाहनों को अपने यहां खड़ा किया जाए। जिससे लोग इन शॉपिंग मॉल में आने वाले लोग अपना वाहन बीच सड़क पर पार्क कर समान खरीदने चले जाते है और कई घंटे बाद लौटते है जिससे लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वी मार्ट, बिग बाजार, एसपीएस माल, बाजार इंडिया, शिल्पी प्लाजा, वी मार्ट 2 , जॉन टावर, रमागोविंद पैलेस आदि ऐसे स्थान है जहां पर खुद की जमीन नहीं होने के कारण सड़क में पार्किंग होती है और लोगों को मुसीबत के साथ जाम का कारण बन रहे है।
स्कूले भी कम नहीं है
मॉल के बाद स्कूलें भी कम नहीं है जहां खुद की पार्किंग को बंद किये रहते है और सड़कों पर वाहनों की पार्किंग मुसीबत बनती है। इसमें बाल भारती, ज्ञान स्थली, राजहंस, पीके स्कूल, ज्योति स्कूल, पेन्टियम प्वाइंट कालेज आदि ऐसी स्कूले है जहां पर जाम की समस्या आम रहती है।
जगह-जगह ठेला
सिरमौर चौराहा शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है। यहां पर चारों तरफ जाने के लिए मार्ग है लेकिन ठेला, फुटपाथी, ओव्हर ब्रिज में जबरिया पार्किंग बनाकर यहां पर दुकानदारों को जगह आवंटित कर चौड़ी सड़कों को सकरी करने का काम किया जाता है जिससे दिनभर जाम का झाम होता रहता है।
लगातार होगी कार्यवाही
यातायात नियम तोडऩे वालों के ऊपर लगातार कार्यवाही की जा रही है। तथा शहर के यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। लोगों को यातायात का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लाल बत्ती बीच में जम्प कर भागने वालों पर भी कार्यवाही की जाती है। इसके साथ ही शहर के विभिन्न शॉपिंग मॉल संचालकों बीच-बीच में समझाइस देकर सड़क में वाहन पार्किंग नहीं कराने की बाते भी कही जाती है। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान कई बार शांपिंग मॉल पर अव्यवस्थित खड़े वाहनों पर चलानी कार्यवाही की जा चुकी है आगे भी जारी रहेगी। यह कहना है यातायात प्रभारी अमित विश्वकर्मा का। शनिवार को उन्होंने बताया कि 40 वाहनों पर चालानी कार्यवाही की गई। जिसमें जय स्तंभ, न्यू बस स्टैण्ड, धोबिया टंकी, ढेकहा तिराहा शामिल है। इन वाहनों से लगभग 20 हजार से अधिक की राजस्व वसूली की गई है। साथ ही लगातार उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशन के साथ अधिकारियों की देख-रेख में वाहनों की चेकिंग जारी है। यह अभियान लगातार चलता रहेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें