रीवा। जंगल पहाड़ों और पथरीले इलाकों में तो उत्खनन होते रहते हैं लेकिन क्या कभी किसी गांव के बीचोंबीच भी उत्खनन होते देखा गया है? जी बिल्कुल, सिरमौर तहसील एवं थाना गढ़ अन्तर्गत आने वाली सरई पंचायत एवं रुझौही गांव में कुछ ऐसा ही नजारा है जो वर्षों से बेरोकटोक चल रहा है. यहां के रसूखदारों और दबंगों ने आम और गरीब आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है. सभी के प्रदूषण से हाल बेहाल हैं लेकिन अब तक इस पर खनिज विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई है.
सरई पंचायत के रुझौही ग्राम में धर्मपाल सिंह के नाम पर क्रशर चल रहा है. यह क्रशर क्योटी से सरई की तरफ आते समय बस कुछ ही किमी दूरी पर प्रधानमंत्री सड़क के किनारे दाएं तरफ दिख जाएगा. सबसे बड़े ताज्जुब की बात यह है की यह क्रशर पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड एवं पर्यावरण के नियमों के विरुद्ध लगाया हुआ है साथ ही इसके वैधता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. रुझौही गांव के बीच हैं कई खदानें इसी तरह सरई पंचायत अन्तर्गत आने वाले रुझौही ग्राम में पत्थर पटिया की कई खदानें भी संचालित हैं जो गांव के बीचोंबीच हैं. सबसे बड़ा ताज्जुब तो यही है की आखिर यह खदानें गांव के बीचोंबीच कैसे स्वीकृत हुईं हैं? लोगों से जानकारी मिली की यह सब अवैध खदाने हैं जो रसूखदारों की दबंगई बस संचलित हैं. इनमे से किसी भी खदान में वन एवं पर्यावरण एवं पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के मापदंडों का पालन नही किया जा रहा है. खदानों में विस्फोट होता है जिससे आसपास के लोगों का ध्वनि प्रदूषण से जीना मोहाल हो चुका है. साथ ही इन खदानों से उठने वाली धूल और पत्थर के कणों से प्रदूषण और विभिन्न प्रकार की बीमारियां अलग से फैल रही हैं. पास ही स्थित यादव, हरिजन आदिवाशी परिवारों ने इन खदानों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इन्हें तत्काल बंद किये जाने की माग भी की है. जानकारी लेने पर बताया गया की इनमे से कुछ खदाने गजराज सिंह एवं विनय सिंह के नाम पर संचालित हैं. बांकी अन्य खदाने अवैध हैं. गांव वालों का यद्यपि यह कहना था की इन सभी खदानों की लीज काफी पुरानी है और अब समाप्त भी हो चुकी है साथ ही लीज कहीं अन्य जगहों की है जबकि उत्खनन गांव के बीचोंबीच रकबों में किया जा रहा है जिससे गांव के लोगों का जीना दूभर हो चुका है.
सरई पंचायत के रुझौही ग्राम में धर्मपाल सिंह के नाम पर क्रशर चल रहा है. यह क्रशर क्योटी से सरई की तरफ आते समय बस कुछ ही किमी दूरी पर प्रधानमंत्री सड़क के किनारे दाएं तरफ दिख जाएगा. सबसे बड़े ताज्जुब की बात यह है की यह क्रशर पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड एवं पर्यावरण के नियमों के विरुद्ध लगाया हुआ है साथ ही इसके वैधता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. रुझौही गांव के बीच हैं कई खदानें इसी तरह सरई पंचायत अन्तर्गत आने वाले रुझौही ग्राम में पत्थर पटिया की कई खदानें भी संचालित हैं जो गांव के बीचोंबीच हैं. सबसे बड़ा ताज्जुब तो यही है की आखिर यह खदानें गांव के बीचोंबीच कैसे स्वीकृत हुईं हैं? लोगों से जानकारी मिली की यह सब अवैध खदाने हैं जो रसूखदारों की दबंगई बस संचलित हैं. इनमे से किसी भी खदान में वन एवं पर्यावरण एवं पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के मापदंडों का पालन नही किया जा रहा है. खदानों में विस्फोट होता है जिससे आसपास के लोगों का ध्वनि प्रदूषण से जीना मोहाल हो चुका है. साथ ही इन खदानों से उठने वाली धूल और पत्थर के कणों से प्रदूषण और विभिन्न प्रकार की बीमारियां अलग से फैल रही हैं. पास ही स्थित यादव, हरिजन आदिवाशी परिवारों ने इन खदानों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इन्हें तत्काल बंद किये जाने की माग भी की है. जानकारी लेने पर बताया गया की इनमे से कुछ खदाने गजराज सिंह एवं विनय सिंह के नाम पर संचालित हैं. बांकी अन्य खदाने अवैध हैं. गांव वालों का यद्यपि यह कहना था की इन सभी खदानों की लीज काफी पुरानी है और अब समाप्त भी हो चुकी है साथ ही लीज कहीं अन्य जगहों की है जबकि उत्खनन गांव के बीचोंबीच रकबों में किया जा रहा है जिससे गांव के लोगों का जीना दूभर हो चुका है.
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