गुरुवार, 29 नवंबर 2018

चचाई कालापानी में हजारों गोवंशों के रेस्क्यू आपरेशन का 6वां दिन

अभी भी फंसी हैं हजारों गायें, सैकड़ों मृत मिलीं (चचाई जलप्रपात की हजारों फीट गहरी घाटी में हुई गोहत्या, हजारों गोवंशों को धकेला घाटी के बीच,रीवा, मप्र)
रीवा। चचाई जलप्रपात के हजारों फीट गहरे कालापानी में जीवित धकेली गई हजारों गायों को रेस्क्यू करने का छठा दिन रहा। दिनाँक 29 नवंबर को एकबार फिर चचाई जलप्रपात की गहरी टेडी मेडी और खतरनाक घाटियों के नीचे उतरकर हजारों गोवंशों को चारा, भूषा एवं बांस के हरे पत्ते पहुचाने का कार्य किया गया। इस कार्य मे सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी के साथ ध्यान फाउंडेशन नई दिल्ली से आये विनोद सिंह, खुलासा न्यूज लाइव के रीवा ब्यूरो चीफ आनंद द्विवेदी सहित मरैला ग्राम के दो लडके अर्जुन कोल पिता भुअर कोल एवं संतोष कोल सम्मिलित रहे।
इन इन को दी गई सूचना
इस बीच शुबह ही एकबार फिर रीवा डीएफओ विपिन पटेल एवं गो संवर्धन बोर्ड मप्र के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद को सूचित किया गया। साथ ही एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के मप्र प्रतिनिधि राम रघुवंसी को भी सूचित किया गया है। ईमेल के माध्यम से भी यह बात पीएफए की अध्यक्षा श्रीमती मेनका गांधी, डीएम एवं कमिश्नर रीवा, डीएफओ रीवा, सीएम मप्र शासन, वेटेरिनरी विभाग मप्र शासन, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन एसपी गुप्ता, केंद्रीय वन पर्यावरण एवं क्लाइमेट चेंज मंत्रालय नई दिल्ली सहित सभी संबंधित विभागों को इस खौफनाक घटना की सूचना भेजी जा चुकी है।
डीएफओ रीवा ने बताया चुनाव ड्यूटी
 रीवा सीसीएफ एवं डीएफओ विपिन पटेल से जब घटना की जानकारी दी गई तो उनके द्वारा चुनाव में व्यस्तता और चुनाव ड्यूटी का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाडने का प्रयाश किया गया।
सिरमौर थाना में कोई स्टाफ नही
चचाई जलप्रपात के भीतर खौफनाक गोहत्या की जानकारी लिखित तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी द्वारा दिनाँक 27 नवंबर 2018 को सिरमौर थाना प्रभारी को भी दे दी गई लेकिन वहां भी बार बार चुनाव ड्यूटी का ही हवाला दिया गया। इस मामले में अब तक कोई पंचनामा और जांच का कार्य सिरमौर पुलिश द्वारा नही हुआ है।
30 नवंबर को गोवंशों को निकालने का रहेगा प्रयास
अब इस मामले में चचाई जलप्रपात के पास स्थित मरैला एवं पडरी ग्राम के आसपास के लोगों के सहयोग लिए जा रहे हैं जिंसमे उनके सहयोग मिलने की उम्मीद है। इस प्रकार घटनास्थल पर जाकर ग्रामीणों की मदद से गायों को कठिन रास्तों से बाहर निकालने के प्रयास किये जायेंगे।
फिर मिले दर्जनों मृत गोवंश
इस बीच दिनाँक 29 नवंबर को चचाई घाट के नीचे रेस्क्यू आपरेशन में जाया गया तो वहां पर हजारों जीवित मवेशियों के साथ दर्जनों मृत गोवंशों के कंकाल और मृत शरीर मिले हैं जिसकी सूचना संबंधित वन विभाग को दे दी गई है।

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