रविवार, 18 नवंबर 2018

भाजपा का ही कुनबा है सपाक्स

भाजपा का ही कुनबा है सपाक्स
सवर्णों के आरक्षण से लेकर सरकारी नौकरियों में पदोन्नति को प्रमुख मुद्दा बनाकर जिस तरीके से सपाक्स जैसे संगठन का राजनीति के मैदान में उतरना यह एक सोची समझी साजिस का परिणाम माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी से कर्मचारियों का एक धरा जो सरकार के खिलाफ खिलाफत करने में लगा था उसी धरे में चुनाव के थोडे दिन पहले सपाक्स जैसे संगठन को पार्टी के रूप में रजिस्ट्रेशन कराकर प्रदेश भर में टिकट बांट डाली और हर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार उतार दिए।
कीर्तिप्रभा रीवा।
 सवाल इस बात का है कि प्रदेश मेें ही नहीं पूरे देश में एक नहीं हजारों संगठन समाज सेवा के नाम पर अपने दावेदारी करते हैं पर इनके रीति नीति और ऐजेण्डे में भले ही जनता के कल्याण की बातें शामिल हो पर जमीनी हकीकत यह है कि इस तरह के संगठन जो कुछ दूर चलने के पहले ही सत्ता को हथियाने का ख्वाब देखने लगते हैं उनसे जनता को क्या मिलेगा यह भी चिंतन मंथन का विषय है।
प्रदेश के अंदर विंधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक रखी है हर गली चौराहे पर राजनीतिक दलों के भोंपू और लाउड स्पीकर व उम्मीदवारों के भाषण चारों तरफ गंूज रहे हेँ। गली चौराहों सार्वजनिक स्थलों बसों में बठे हुए लोग एक तरफा चुनाव की बातें करते और अपने पसंदीदा उम्मीदवार के साथ-साथ राजनीति दलों े के कथनी करनी पर तर्क वितरक पर अपना दिमाग लगाये हुए हैं। सबसे रोचक मामला उन राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का है जो चुनाव मैदान में आने के लिए आनन फानन आते हैं और जैसे ही चुनाव समाप्त हो जाता है वेसे ही वे भी गायब हो जाते हैं प्रदेश में भाजपा के शिवराज सिंह के नेतृत्व में ऐसी जादूगरी सरकार है जिसके खिलाफ जनता में जगह-जगह पर आक्रोष की लपटें फैली हुइ है लोगों में गुस्सा है बदलाव के लिए आम जनमानस तैयार खड़ा है पर जिस तैयारी में मतदाता है उस तैयारी को भुनाने की क्षमता किसी भी राजनीति में अभी तक नहीं दिखाई दे रही है लिहाजा जिस मतदाता ने सरकार के बदलाव का जबरजस्त मुद्दा उठा है उस मुद्दे पर विपक्षी राजनीतिक दल निरासा की ओर ले जायेगी। वहीं शिवराज सिंह की तिकड़मी सरकार के भ्रष्ट मंत्री और उनका कुनबा संगठनात्मक दमदारी के चलते पुन: सरकार में काबिज होने पर असान्वित है और सपाक्स जैसे राजनीतिक दलों को आगे करके भाजपा से नाराज मतदाताओं को वोट बटवारा कराने के लिए आगे कर दिया ताकि विपक्षीदल कांग्रेस को जो वोट मिलने चाहिए वो वोट सपाक्स जैसे राजनीति दलों में बंट जाये। 

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