सोमवार, 10 दिसंबर 2018

पूंजीपति नेताओं के चलते लोकतंत्र बना नोटतंत्र: शिव सिंह

रीवा। जनता दल सेकुलर के प्रदेश अध्यक्ष शिव सिंह एडवोकेट ने कहा कि पूंजीपति पोषक नेताओं ने लोकतंत्र को नोट तंत्र के रूप में परिवर्तित कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने नोट ( रुपया)पानी की तरह पूंजीपति नेताओं ने जनप्रतिनिधि बनने के लिए बहाया वह शुद्ध व निष्पक्ष लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं। श्री सिंह ने यह भी कहा पहले नेता जनसेवक बनने के लिए जनहित में संघर्ष कर जनप्रतिनिधि होने का तमगा हासिल करते थे लेकिन गत दो तीन चुनावों से नेताओं का जनप्रतिनिधि बनने का अंदाज बदल गया वह संघर्ष को दरकिनार कर मतदाताओं को खरीदने पर विश्वास करने लगे लिहाजा 5 वर्षों तक जनता के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं का जनप्रतिनिधि होने का जहां सपना समाप्त हो रहा है वहीं लोकतंत्र के मंदिर में ऐसे जनप्रतिनिधियों की भीड़ नजर आने लगी है जो धन दौलत के स्वामी है। गांधी, लोहिया, जयप्रकाश के जमाने में जो जनप्रतिनिधि जनता के सुख दुख की चिंता करते थे वह जब लोकतंत्र के पहरेदार बनते थे तो उन्हें पैसा कमाने की भूख नहीं होती थी उनमें यह ललक व स्पर्धा होती थी कि वह अपनी जनता के रहनुमा अच्छे साबित कैसे हो इस दिशा में ही 5 वर्षों तक कार्य किया करते थे लेकिन वर्तमान समय में जनप्रतिनिधि निर्वाचित होने वाले लोग 5 वर्षों तक इस दिशा में अपने को सीमित रखते हैं कि वह अपनी आमदनी कितना गुना अधिक कर ले और उसी अनुचित लाभ में कमाए धन को चुनाव दौरान बांटकर  वोट खरीद कर फिर राज करे और जनता का खून चूसे। ऐसी स्थितियों में लोकतंत्र की पवित्रता को कैसे आने वाली पीढ़ी शुद्ध मानेगी यह काफी चिंतनीय विषय है इस दिशा में जनता के बीच संघर्ष करने वालों को आगे आकर चिंतन करना होगा नहीं जिस तरह से भारत देश में अंग्रेजों ने भारतीय अकूत संपत्ति को देखकर पगला कर अपने अधीन कर लिए थे और देश कई वर्षों तक अंग्रेजो के कैद में रहा उसी तरह आने वाले समय में यह पूंजीवादी नेता जो सिर्फ मतदाताओं को खरीदकर जनप्रतिनिधि बनना चाहते हैं लोकतंत्र को अपने जेब में सीमित कर लेंगे और देश का लोकतंत्र गुलाम नजर आएगा।

अभी हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव दौरान कई क्षेत्रों का भ्रमण किया भ्रमण दौरान मैंने स्वयं देखा व सुना की जगह जगह गांव गांव होटलों तथा बारात घरों मैं पूंजीपति नेताओं ने जवान मतदाताओं से लेकर बुजुर्गों तक को रुपया गोश्त शराब बांटकर वोट खरीदने के साथ साथ नौजवान मतदाताओं के उज्जवल भविष्य को बर्बाद करने का काम किए जो देश हित में नहीं है पूंजीपति नेताओं के ऐसे कृत्यों से मुझे बड़ा दुख तथा पीड़ा हुई मैं जनता से अपील करता हूं कि पैसे से बोट खरीदने वाले नेताओं से जब हम काम की बात करेंगे तो यही कहेगा कि हमने आपकी बोट का पैसा दिया था आप भी काम का पैसा दो यही जवाब होगा इसलिए आगामी आने वाले चुनाव में इस कृत्य को दोहराना सबसे बड़ा अपराध होगा

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