शनिवार, 22 दिसंबर 2018

स्वास्थ्य सुविधाएं झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों लूटने को जनता मजबूर

रीवा।   जिले के नईगढ़ी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खर्रा जहां स्वास्थ सुविधा के नाम पर उप स्वास्थ्य केंद्र एवं आयुर्वेदिक औषधालय आज कई वर्षों से निर्मित है परंतु इन आयुर्वेदिक औषधालय एवं उप स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मचारी कभी भी उपस्थित नहीं रहते जबकि उप स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे कर्मचारी के उपस्थित रहने के आदेश स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए हैं लेकिन उप स्वास्थ्य केंद्र मंगलवार एवं बुधवार के अलावा कभी भी नहीं खुलता टीकाकरण के दिन ्रहृरू उपस्थित रहती हैं बाकी दिन उप स्वास्थ्य केंद्र में हमेशा ताला लटकता रहता है जिससे गांव के मरीजों को किसी भी तरह से समस्या होने पर नजदीकी उप स्वास्थ्य केंद्र गंगेव एवं नईगढ़ी के चक्कर लगाने पड़ते हैं जबकि खर्रा  उप स्वास्थ्य केंद्र प्रसव केंद्र के रुप में बनाया जा चुका है प्रसव केंद्र बने आज 1 वर्ष का समय बीतने चला फिर भी खर्रा उप स्वास्थ्य केंद्र में एक भी मरीजों का प्रशव नहीं किया गया वहां पर पदस्थ ्रहृरू से पूछने पर  पता चला है कि यहां पर एक डॉक्टर की नियुक्ति की जानी है एवं कुछ अन्य स्टाफ भी रखे जाने हैं जब तक डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक प्रसव केंद्र शोपीस बनकर ही रहेगा जबकि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अभी हाल ही में प्रसव केंद्र के लिए 1800000 की बिल्डिंग दी गई है भवन निर्माण हुए 2 वर्ष से ऊपर का समय बीत चुका है परंतु प्रसव केंद्र धूल खाता हुआ पड़ा है इसी प्रकार ग्राम पंचायत खर्रा में आयुर्वेदिक औषधालय भी स्थित है परंतु आयुर्वेदिक औषधालय में भी किसी भी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे आने जाने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो स्टाफ नियुक्त हैं उसमें एक कंपाउंडर जो कि मनगवां से आते हैं एक-दो घंटे बैठते हैं इसके बाद वापस अपने घर चले जाते हैं एक महिला कंपाउंडर नियुक्त हैं जो कि कभी कभार ही उपस्थित रहती हैं दिखावे के रूप में खर्रा गांव के स्थानीय  भृत्य बैजनाथ  साकेत सुबह 8:00 बजे से 12:00 बजे तक आयुर्वेदिक औषधालय में बैठे रहते हैं लेकिन चिकित्सक की उपस्थिति ना होने कारण वह भी 12:00 बजे अपने घर को लौट जाते हैं इन हालातों में आसपास के दर्जनों गांवों के ग्रामीण इलाज के अभाव में झोलाछाप डॉक्टरों के शरण में पहुंचते हैं जहां उन्हें मोटी रकम भी चुकानी पड़ती है एवं गलत दवाइयों का उपयोग भी करना पड़ता है कई ऐसे मामले पूर्व में ग्राम खर्रा मैं सामने आ चुके हैं  जिसमें  झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से  कई मरीजों की  जान तक जा चुकी है  परंतु  स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान ग्रामीण इलाकों की तरफ नहीं जा रहा है परिणाम स्वरुप ग्राम खर्रा  डिलहा लेडुआ, हसलो,  जुडमनिया डिहिया  मे कई झोलाछाप डॉक्टर आज कई वर्षों से अपनी पैठ जमा चुके हैं इतना ही नहीं ज्यादातर डॉक्टर यूपी और बिहार बंगाल से आकर ग्रामीण इलाकों में अपना निज निवास बनाकर यहां के मतदाता भी बन चुके हैं इन डॉक्टरों के अलावा खर्रा गांव में कुछ झाड़ फूंक करने वाले स्थानीय वैध भी तैयार हो चुके हैं जिनके द्वारा ग्रामीणों को अपने बहकावे में लेकर झाड़ फूंक का कृत्य भी आज कई वर्षों से किया जा रहा है ग्रामीण इलाकों की भोली-भाली जनता इन झाड़ फूंक करने वालों के चक्कर में पड़कर अपनी मेहनत की कमाई इन को सौंप रही है परंतु जिले के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान ग्राम पंचायत खर्रा में अवैध रूप से झाड़-फूंक की दुकान चलाने वालों के ऊपर नहीं जा रहा है और ना ही यहां पर उपस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आयुर्वेदिक औषधालय की तरफ ही जा रहा है आसपास के ग्रामीणों ने समाचार पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए खर्रा में स्थित प्रसव केंद्र को शुरू करने की  मांग की है एवं आयुर्वेदिक औषधालय  में किसी चिकित्सक की नियुक्ति करने की भी मांग की है ।

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