8 से 10 किलोमीटर क्षेत्र में फैलने वाले रीवा शहर की सड़कों पर लगातार ऑटो और कार जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। विगत 3 से 4 वर्ष के अंतराल में सर्वाधिक ये दोनों वाहन शहर में बढ़े हैं
रीवा। 8 से 10 किलोमीटर क्षेत्र में फैलने वाले रीवा शहर की सड़कों पर लगातार ऑटो और कार जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। विगत 3 से 4 वर्ष के अंतराल में सर्वाधिक ये दोनों वाहन शहर में बढ़े हैं और इससे ट्रैफिक कन्ट्रोल करने के लिए न सिर्फ मशक्कत करनी पड़ रही है बल्कि आने वाले समय में समस्या और ज्यादा बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि जिले में लगभग 6 से साढ़े 6 हजार के बीच जहां ऑटो दौड़ रहीं हैं वहीं शहर में लगभग 4 हजार ऑटो प्रतिदिन विभिन्न मार्गों में सफर करके यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।
यात्रियों की सुविधा और ऑटो चालकों को रोजगार तो मिल रहा हैए लेकिन जिस तरह से ऑटो की संख्या लगातार बढ़ रही है उसे देखते हुए आने वाले समय में ट्रैफिक की समस्या भयावह हो जाएगी। लोगों को बेतहाशा जाम और सड़कों में वाहनों की व्यस्तता एवं प्रदूषण की समस्या से सामना करना पड़ेगा।
ऐसे चल रहा ट्रैफिक
बढ़ती ऑटो की संख्या को लेकर ट्रैफिक प्रभारी से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सड़कों पर वाहनों का आवागमन निरंतर बनाया जा रहा है। कारण यह है कि वाहन खड़े होने के बाद जाम की समस्या बन जाती है। बराबर वाहनों के चलने से ट्रैफिक यथावत चलता रहता है। शहर के प्रमुख चौराहों में ऑटो वाहनों को डायवर्ट किया गया है। जिससे यातायात बराबर संचालित हो सके। हालांकि शहर की कई ऐसे सड़कें हैं जहां वाहन चालकों को समस्या आ रही है। पुलिस का सर्वाधिक ध्यान शहर के मुख्य मार्गों में है। जबकि सकरे मार्गों में जाम जैसी समस्या लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है।
यहां आती है समस्या
ऑटो की लगातार बढ़ती संख्या के चलते सर्वाधिक समस्या व्यंकट मार्ग में आ रही है। जयस्तम्भ से अस्पताल चौराहे को जोडऩे वाला यह मार्ग शहर का सबसे पुराना मार्ग होने के कारण ट्रैफिक ज्यादा रहती है और ऑटो की संख्या इस मार्ग में लगातार बढऩे के कारण सर्वाधिक समस्या आ रही है। इसी तरह अस्पताल चौराहे से अमहिया मार्ग और धोबिया टंकी मार्ग के भी हालात बने हुए हैं। जबकि मुख्य मार्ग रेलवे स्टेशन से समान रतहरा फोरलेन हो जाने के कारण उतनी समस्या नहीं आ रही है और ट्रैफिक कन्ट्रोल किया गया है।
तत्कालीन कलेक्टर ने लगाया था प्रतिबंध
ऑटो की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने शहर में नए ऑटो के रजिस्ट्रेशन और फाइनेंस पर रोक लगाई थी। कुछ समय तक कलेक्टर के आदेश का पालन होने के कारण ऑटो की संख्या में भी कन्ट्रोल आया था। लेकिन बढ़ती बेरोजगारी के चलते सामान्य और मध्यम वर्गीय परिवार के लोग लगातार ऑटो का चालन करके अपनी जीविकोपार्जन करने का इसे साधन बनाए हुए हैं।
इनका कहना है
ऑटो की संख्या बढ़ रही है। पिछले दो से तीन वर्षों में कार और ऑटो सर्वाधिक बढ़े हैं फिर भी हम ट्रैफिक को कन्ट्रोल कर रहे हैं। मैकेनिकलए टेक्निकल शहर में जरूरत है और इसे नहीं अपनाया गया तो आने वाले समय में समस्या आएगी।
अमित विश्वकर्मा
प्रभारी यातायात रीवा
रीवा। 8 से 10 किलोमीटर क्षेत्र में फैलने वाले रीवा शहर की सड़कों पर लगातार ऑटो और कार जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। विगत 3 से 4 वर्ष के अंतराल में सर्वाधिक ये दोनों वाहन शहर में बढ़े हैं और इससे ट्रैफिक कन्ट्रोल करने के लिए न सिर्फ मशक्कत करनी पड़ रही है बल्कि आने वाले समय में समस्या और ज्यादा बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि जिले में लगभग 6 से साढ़े 6 हजार के बीच जहां ऑटो दौड़ रहीं हैं वहीं शहर में लगभग 4 हजार ऑटो प्रतिदिन विभिन्न मार्गों में सफर करके यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।
यात्रियों की सुविधा और ऑटो चालकों को रोजगार तो मिल रहा हैए लेकिन जिस तरह से ऑटो की संख्या लगातार बढ़ रही है उसे देखते हुए आने वाले समय में ट्रैफिक की समस्या भयावह हो जाएगी। लोगों को बेतहाशा जाम और सड़कों में वाहनों की व्यस्तता एवं प्रदूषण की समस्या से सामना करना पड़ेगा।
ऐसे चल रहा ट्रैफिक
बढ़ती ऑटो की संख्या को लेकर ट्रैफिक प्रभारी से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सड़कों पर वाहनों का आवागमन निरंतर बनाया जा रहा है। कारण यह है कि वाहन खड़े होने के बाद जाम की समस्या बन जाती है। बराबर वाहनों के चलने से ट्रैफिक यथावत चलता रहता है। शहर के प्रमुख चौराहों में ऑटो वाहनों को डायवर्ट किया गया है। जिससे यातायात बराबर संचालित हो सके। हालांकि शहर की कई ऐसे सड़कें हैं जहां वाहन चालकों को समस्या आ रही है। पुलिस का सर्वाधिक ध्यान शहर के मुख्य मार्गों में है। जबकि सकरे मार्गों में जाम जैसी समस्या लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है।
यहां आती है समस्या
ऑटो की लगातार बढ़ती संख्या के चलते सर्वाधिक समस्या व्यंकट मार्ग में आ रही है। जयस्तम्भ से अस्पताल चौराहे को जोडऩे वाला यह मार्ग शहर का सबसे पुराना मार्ग होने के कारण ट्रैफिक ज्यादा रहती है और ऑटो की संख्या इस मार्ग में लगातार बढऩे के कारण सर्वाधिक समस्या आ रही है। इसी तरह अस्पताल चौराहे से अमहिया मार्ग और धोबिया टंकी मार्ग के भी हालात बने हुए हैं। जबकि मुख्य मार्ग रेलवे स्टेशन से समान रतहरा फोरलेन हो जाने के कारण उतनी समस्या नहीं आ रही है और ट्रैफिक कन्ट्रोल किया गया है।
तत्कालीन कलेक्टर ने लगाया था प्रतिबंध
ऑटो की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने शहर में नए ऑटो के रजिस्ट्रेशन और फाइनेंस पर रोक लगाई थी। कुछ समय तक कलेक्टर के आदेश का पालन होने के कारण ऑटो की संख्या में भी कन्ट्रोल आया था। लेकिन बढ़ती बेरोजगारी के चलते सामान्य और मध्यम वर्गीय परिवार के लोग लगातार ऑटो का चालन करके अपनी जीविकोपार्जन करने का इसे साधन बनाए हुए हैं।
इनका कहना है
ऑटो की संख्या बढ़ रही है। पिछले दो से तीन वर्षों में कार और ऑटो सर्वाधिक बढ़े हैं फिर भी हम ट्रैफिक को कन्ट्रोल कर रहे हैं। मैकेनिकलए टेक्निकल शहर में जरूरत है और इसे नहीं अपनाया गया तो आने वाले समय में समस्या आएगी।
अमित विश्वकर्मा
प्रभारी यातायात रीवा
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