सतना। वन मंडला अधिकारी राजीव मिश्रा के मार्गदर्शन से वन परिक्षेत्र अधिकारी उचेहरा रमाशंकर त्रिपाठी अपने रेंज मे ंवन माफियाओं का पूर्ण रुप से सफाया को लेकर वचनबद्ध होते हुए अपने उच्चअधिकारियों के सहयोग से कार्य का अंजामदे रहे है। आज उचेहरा रेंज के परसमनिया, पिथौराबाद एवं भरहुत में आदिवासी मजदूरों का पलायन रुक रहा है। इन सब जगहों पर तत्कालीन वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा अधूरे कार्य को छोडकर श्री त्रिपाठी छोडे हुए अधूरे कार्य को अंजाम देने में प्रयासरत है। इन्हीं सब अच्छे कार्यो के कारण अधिकांश जगहों पर नेताओं एवं विरोधियों की बातों को बर्दाश्त करते हुए अपने कर्तव्य पर खडे रहते है कुछ दबंग किश्म के लोग शासन द्वारा संचालित योजनाओं कोरोकने का प्रयास समय समय पर होता रहता है। परंतु परिक्षेत्राधिकारी श्री त्रिपाठी शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लागू कर वन माफिया किस्म के लोगों के मूंह पर तमाचा मारने जैसा कार्य कहरते है।उनकी मेहनत लगन एवं 12 से 15 घंटे की कार्य करने की क्षमता साथ ही उच्च अधिकारियों का सहयोग अपने स्टाफ के साथ परिवार जैसा बर्ताव उनका मनोबल बढाता है। इन्हीं कार्यो से कभी कभी वह विरोधियो की चुनौती बन जाते है। और निरंतर आगे बढने की अपनी परंपरा को नहीं भूलते। इन पद पर रहते हुए अन्य कोई योजनाओं शासन की अपने परिक्षेत्र में लागू की जो एक उपलब्धि है। रेंज उचेहरा द्वारा राजीव मिश्रा वन मंडल अधिकारी सतना के निर्देशानुार पूरे परसनिया पठार को हरा भरा करने के लिये 2017-18 में कार्य आयोजन के अंतर्गत बजट अनुसार सुधार कार्य के 11 कूप, बिगडे वनों का सुधार कार्य वृत्त का एक कूप 30 हेक्टेयर बंधाव में पौधारोपण एवं रूटसूट रोपण का कार्य कराया गया है। भरहुत पहाड में 50 हेक्टेयर में कैम्पा मद से वर्ष 2016 में सफलतापूर्वक वृक्षारोपण का कार्य कराया गया। रेंज उचेहरा के सभी वृक्षारोपण क्षेत्र के पौधे शत प्रतिशत जीवित है। वर्ष 2012 के पूव परसमनिया पठार में पत्थर पटिया का अवैध उत्खनन बंद होने के बाद वृक्षारोपण कूप क्र. 5 से पौधा रोपण का कार्य प्रारंभ किया गया था। जिसमें वर्ष 2012 में 30 हेक्टेयर में 42000 पौधा, वर्ष 2013 में 30 हेक्टेयर में 38000 पौधे वर्ष 2014 में 30 हेक्टर में 28000 पौधे, वर्ष 2015 में 30 में 38000 पौधे वर्ष 2016 में 30 हेक्टेयर में 39000 पौधे वर्ष 2017 में 31000 पौधे साथ ही आरडीएफ के कूप क्र. 9 एवं 10 में 22 कूपों में प्रति कूप 15625 पौदे के साथ 3125000 पौधे रोपित किये गये। जिसमें आरडीएफ कूप 9 एवं 10 के प्रति कूप 40 से 50 हेक्टेयर के बीच थे।
इस प्रकार रेंज उचेहरा में परसनिया पठार में 2012 के पूर्व रोपण का कार्य नहीं कराया गया था। आज प्राकृतिक एवं वृक्षारोपम को मिलाकर रेंज के हर कम्पाटमेंट हरे भरे दिख रहे है। रेंज उचेहरा के वन कर्मचारियों द्वारा आज परसमनिया पठार के जंगल का घनत्व 7 से उपर पहुंच गया है। जंगल के घनत्व बढने के कारम वपन प्राणी बहुतायात में पाये जाने लगे है जैसे हिरन सांहर तंदुआ भालू तथा कभी कभी बाघ का भी मूवमेंट हो जाता है। इस प्रकार वन परिक्षेत्र अधिकारी रमाशंकर त्रिपाठी के मार्गदर्शन में कर्मचारियो ंद्वारा सभी वृक्षारोपण क्षøेत्र की आनलाइन फीडिंग पुरुतोप्दान सर्वे के एमएल फाइल तैयार की गई है। जिसमें रोपित एक एक पौधा देखा जासकता है। वन क्षेत्र में वर्ष 2012 के पूर्व उत्खनित क्षेत्रों के गड्ढों को ओवर वर्डिंग से भराई कराकर रोपण की तैयारी का कार्य प्रगति पर है।
परसनिया पठार के 40 आदिवासी लडकों को जो शिक्षा छोड चुके थे उनको वपटिहट में सिक्योरिटी गार्ड का 45 दिवसीय प्रशिक्षणट दिलवाया गया।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडके एवं लड़कियों को कौशल विकास उन्नयनके तहत प्रशिक्षण हेतु चित्रकूट भेजा गया जो आपअपने आप में रोजगार प्राप्त कर रहे है।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडकियों को अगरबत्ती प्रशिक्षण हेतु सोनौरा में 3 माह का प्रशिक्षण करने के उपरांत ग्राम वन समिति गढौत के माध्यम से अगरबत्ती केन्द्र गडौत में खोला गया लघभग 30-40 लडकियों द्वाराकिया जा रहा है।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडकों को कौशल विकास उन्नलन के तहत प्रशिक्षण हेतु छिंदवाडा भेजा गया।
परसमनिया पठार में नेत्र सिविर का आयोजन कर सतनाएवं जानकी कुंड के डाक्टरों द्वारा इलाज कराया गया।परसमनिया पठार के आदिवासी बच्चो के कुपोण का कैम्प परसनिया में लीगाकर महिला एवं पुरुषों का डाक्टरों से इलाज करवाया गया एवं वन कर्मचारियो ंद्वारा कुपोण की जांच करने के आदेश वन मंडल अधिकारी द्वारा निेर्दशित किया गया।
आदिवासियों को जैव विविधता के विषय में टेनर्स द्वारा प्रशिक्षण कई बार दिलवाया गया जिससे वो वनों की जैव विविधता को कायम रखते हुए अपने रोजगार के अधिका से अधिक अवकर प्राप्त कर सके।
परसमनिया पठार में जैव विविधता के उद्देश्य से 50 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय वृक्षारोपण किया गया जिसमें लगभग 100 प्रजाति की औषधि वृक्ष ह7ै।
इन सभी कार्यो को देाखते हुए वन मंडला अधिकारी द्वारा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को वन परिक्षेत्र उचेहरा अंतर्गत वन कर्मचारियो ंको सराहनीय कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदाय किया गया। वर्ष 2011 के पूर्व परसनिया पठार में पदस्थ किसी भी वन कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र प्रदाय नहीं किया गया है। परसमनिया पठार में वन विभाग की कई योजनाए जैसे राज्य बांस मिशन कैम्पा ग्रीन इंडिया मिशन एफ.डीए. तेंदू पत्ता मद से 150 हैक्टेयर क्षेत्र में औषधि वृक्षøारोपण का कार्य चल रहा है। ग्रामवासी अपने ही घर में रहकर रोजगार प्राप्त कर रहे है। रोजगार प्राप्त होनेसे यहां से पलायन नहीं किया तथा वनो की सुरक्षा में भीइनके द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
वन माफिया के द्वारा पटिया पत्थर का अवैध परिवहन करने में सफलता नहीं मिली पूर्व के कैशों मे कोर्ट चालान किये जाने तथा कुछ असामाजिक तत्व द्वारा मनगढंत एवं झूठी खबर समाचार पत्रों मे झूठी खबर देकर वन अधिकारी एवं कर्मचारियों के उपर दबाव बनाकर पटिया पत्थर की लीज लेना चाहते है एवं अपने आरोपों से बचने के लिये सभो को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
इनका कहना है
मै पूर्व में दस वर्ष तक वन समिति का सदस्य रहा हूं रेेंजर साहब आकर हमे मार्गदर्शन देते है और हम अपने जंगल की रखवाली करतेहै यहां सागौन 4 से 5 हजार पौधे है।
समयलाल कोल
पूर्व सदस्य वन समिति
हमारे यहां का जंगल बहुत अच्छा है वन माफिया टाइप के लोग साहब को कार्य करने नहीं देते है गांव में आकर पीठ पीचे धमकाने वाली बात करतेहै।
रामलाल कुशवाहा
परसमनिया
इस प्रकार रेंज उचेहरा में परसनिया पठार में 2012 के पूर्व रोपण का कार्य नहीं कराया गया था। आज प्राकृतिक एवं वृक्षारोपम को मिलाकर रेंज के हर कम्पाटमेंट हरे भरे दिख रहे है। रेंज उचेहरा के वन कर्मचारियों द्वारा आज परसमनिया पठार के जंगल का घनत्व 7 से उपर पहुंच गया है। जंगल के घनत्व बढने के कारम वपन प्राणी बहुतायात में पाये जाने लगे है जैसे हिरन सांहर तंदुआ भालू तथा कभी कभी बाघ का भी मूवमेंट हो जाता है। इस प्रकार वन परिक्षेत्र अधिकारी रमाशंकर त्रिपाठी के मार्गदर्शन में कर्मचारियो ंद्वारा सभी वृक्षारोपण क्षøेत्र की आनलाइन फीडिंग पुरुतोप्दान सर्वे के एमएल फाइल तैयार की गई है। जिसमें रोपित एक एक पौधा देखा जासकता है। वन क्षेत्र में वर्ष 2012 के पूर्व उत्खनित क्षेत्रों के गड्ढों को ओवर वर्डिंग से भराई कराकर रोपण की तैयारी का कार्य प्रगति पर है।
परसनिया पठार के 40 आदिवासी लडकों को जो शिक्षा छोड चुके थे उनको वपटिहट में सिक्योरिटी गार्ड का 45 दिवसीय प्रशिक्षणट दिलवाया गया।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडके एवं लड़कियों को कौशल विकास उन्नयनके तहत प्रशिक्षण हेतु चित्रकूट भेजा गया जो आपअपने आप में रोजगार प्राप्त कर रहे है।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडकियों को अगरबत्ती प्रशिक्षण हेतु सोनौरा में 3 माह का प्रशिक्षण करने के उपरांत ग्राम वन समिति गढौत के माध्यम से अगरबत्ती केन्द्र गडौत में खोला गया लघभग 30-40 लडकियों द्वाराकिया जा रहा है।
परसमनिया पठार के 20 आदिवासी लडकों को कौशल विकास उन्नलन के तहत प्रशिक्षण हेतु छिंदवाडा भेजा गया।
परसमनिया पठार में नेत्र सिविर का आयोजन कर सतनाएवं जानकी कुंड के डाक्टरों द्वारा इलाज कराया गया।परसमनिया पठार के आदिवासी बच्चो के कुपोण का कैम्प परसनिया में लीगाकर महिला एवं पुरुषों का डाक्टरों से इलाज करवाया गया एवं वन कर्मचारियो ंद्वारा कुपोण की जांच करने के आदेश वन मंडल अधिकारी द्वारा निेर्दशित किया गया।
आदिवासियों को जैव विविधता के विषय में टेनर्स द्वारा प्रशिक्षण कई बार दिलवाया गया जिससे वो वनों की जैव विविधता को कायम रखते हुए अपने रोजगार के अधिका से अधिक अवकर प्राप्त कर सके।
परसमनिया पठार में जैव विविधता के उद्देश्य से 50 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय वृक्षारोपण किया गया जिसमें लगभग 100 प्रजाति की औषधि वृक्ष ह7ै।
इन सभी कार्यो को देाखते हुए वन मंडला अधिकारी द्वारा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को वन परिक्षेत्र उचेहरा अंतर्गत वन कर्मचारियो ंको सराहनीय कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदाय किया गया। वर्ष 2011 के पूर्व परसनिया पठार में पदस्थ किसी भी वन कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र प्रदाय नहीं किया गया है। परसमनिया पठार में वन विभाग की कई योजनाए जैसे राज्य बांस मिशन कैम्पा ग्रीन इंडिया मिशन एफ.डीए. तेंदू पत्ता मद से 150 हैक्टेयर क्षेत्र में औषधि वृक्षøारोपण का कार्य चल रहा है। ग्रामवासी अपने ही घर में रहकर रोजगार प्राप्त कर रहे है। रोजगार प्राप्त होनेसे यहां से पलायन नहीं किया तथा वनो की सुरक्षा में भीइनके द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
वन माफिया के द्वारा पटिया पत्थर का अवैध परिवहन करने में सफलता नहीं मिली पूर्व के कैशों मे कोर्ट चालान किये जाने तथा कुछ असामाजिक तत्व द्वारा मनगढंत एवं झूठी खबर समाचार पत्रों मे झूठी खबर देकर वन अधिकारी एवं कर्मचारियों के उपर दबाव बनाकर पटिया पत्थर की लीज लेना चाहते है एवं अपने आरोपों से बचने के लिये सभो को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
इनका कहना है
मै पूर्व में दस वर्ष तक वन समिति का सदस्य रहा हूं रेेंजर साहब आकर हमे मार्गदर्शन देते है और हम अपने जंगल की रखवाली करतेहै यहां सागौन 4 से 5 हजार पौधे है।
समयलाल कोल
पूर्व सदस्य वन समिति
हमारे यहां का जंगल बहुत अच्छा है वन माफिया टाइप के लोग साहब को कार्य करने नहीं देते है गांव में आकर पीठ पीचे धमकाने वाली बात करतेहै।
रामलाल कुशवाहा
परसमनिया
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