प्रदेश सरकार के अधीन संचालित तमाम महकमों में से एक पुलिस महकमा है जो कभी खुश नहीं होता था खासतौर से आरक्षक और प्रधान आरक्षक तो बिलकुल नहीं। इनके लिए आर्थिक तंगी जैसी समस्या नहीं बल्कि परिवार को समय न दे पाने की समस्या जटिल थी। हालत यह थी कि आला अधिकारियों का दबाव, दिनरात की डयूटी ऊपर से पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारियां निभाने में उन्हें पसीना आ रहा था। लिहाजा वह हर कोई कार्य झल्लाहट और तनाव में कर रहे थे। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए साप्ताहिक अवकाश की आवश्यकता देकर पुलिस महकमें में खुशहाली का माहौल कायम कर दिया है।
कीर्तिप्रभा, रीवा।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा पुलिस महकमें के लिए किए गए इस निर्णय के बाद देखा यह जा रहा है कि आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों का व्यवहार बदल गया। आम जनमानस के साथ झल्लाहट भरी शैली की जगह विनम्रता के भाव निर्मित हो गए हैं। पुलिस कर्मियों का कहना है कि साप्ताहिक अवकास हर किसी के लिए उसका मौलिक अधिकार होना चाहिए। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इस दिशा में कभी सोचा भी नहीं। जबकि मांग हमेशा से उठती रही थी।
पुलिस महकमें के आला अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि साप्ताहिक अवकाश मिलने से आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों की मानसिक स्थित ठीक होगी और उनमें काम करने की क्षमता बढेगी। वहीं आम जनमानस के बीच पुलिस के प्रति विश्वास भी प्रगाढ होगा। कुल मिलाकर पहली बार देखने को मिल रहा है कि जब पुलिस के लोग किसी सरकार का गुणगान कर रहे हैं। साप्ताहिक अवकास मिलने से पुलिस कर्मी अपने कार्य दायित्वों के प्रति ज्यादा जिम्मेदार देखे जा रहे हैं।
कीर्तिप्रभा, रीवा।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा पुलिस महकमें के लिए किए गए इस निर्णय के बाद देखा यह जा रहा है कि आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों का व्यवहार बदल गया। आम जनमानस के साथ झल्लाहट भरी शैली की जगह विनम्रता के भाव निर्मित हो गए हैं। पुलिस कर्मियों का कहना है कि साप्ताहिक अवकास हर किसी के लिए उसका मौलिक अधिकार होना चाहिए। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इस दिशा में कभी सोचा भी नहीं। जबकि मांग हमेशा से उठती रही थी।
पुलिस महकमें के आला अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि साप्ताहिक अवकाश मिलने से आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों की मानसिक स्थित ठीक होगी और उनमें काम करने की क्षमता बढेगी। वहीं आम जनमानस के बीच पुलिस के प्रति विश्वास भी प्रगाढ होगा। कुल मिलाकर पहली बार देखने को मिल रहा है कि जब पुलिस के लोग किसी सरकार का गुणगान कर रहे हैं। साप्ताहिक अवकास मिलने से पुलिस कर्मी अपने कार्य दायित्वों के प्रति ज्यादा जिम्मेदार देखे जा रहे हैं।
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