कीर्तिप्रभा, रीवा।
जिले में 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को घातक खसरा तथा रूबेला रोग से बचाव के लिये आगामी 15 जनवरी से फरवरी माह तक विशेष अभियान चलाकर टीका लगाया जायेगा। विद्यालयों, मदरसा, आंगनवाडी केन्द्रों, प्ले स्कूल तथा आश्रमों में दर्ज सभी बच्चों को अभियान के दौरान टीकाकरण किया जायेगा। मीजल्स रूबेला दस्तक की जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि जिले भर में 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों का चिन्हांकन कर सूची बनाते हुए विद्यालयवार टीकाकरण किये जाने की कार्ययोजना अनुसार अभिभावकों की उपस्थिति में टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित करायें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि टीकाकरण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो तथा इस पूरे कार्य की वीडियोग्राफी भी करायी जाय। कलेक्टर ने कहा कि जिन विद्यालयों के बच्चों को जिस तिथि में टीकाकरण किया जाय वहाँ बच्चों के अभिभावक भी रहें तथा पूरी सावधानी से बच्चों को अनुभवी व प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा टीका लगाये जायं। उन्होंने इस कार्य में शासकीय विभागों के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं, अशासकीय विद्यालयों से सहयोग की अपील की ताकि जिले का कोई भी बच्चा टीकाकरण से छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि मिशन इंन्द्रधनुष अभियान के तहत जिस प्रकार जिले में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की थी उसी अनुरूप मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान को भी जिले में सफलता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि बच्चों को घातक खसरा तथा रूबेला रोग से बचाव के लिये जिले भर में आगामी जनवरी तथा फरवरी माह में विशेष अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को खसरा एवं रूबेला रोग के नियंत्रण के टीके लगाये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय ने बताया कि जिले भर में नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों का चिन्हांकन करके सूची बनायी गयी है। सभी स्कूलों, मदरसा, आंगनवाड़ी केन्द्र, प्ले स्कूल तथा आश्रमों में दर्ज 15 साल तक के सभी लगभग 7 लाख बच्चों का अभियान के दौरान टीकाकरण किया जायेगा। अभियान को सफल बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जायेगा। अभियान में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा आदिमजाति कल्याण विभाग को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है। जन अभियान परिषद, नेहरू युवा केन्द्र, स्वयं सेवी संस्थाओं को भी अभियान से जोडा गया है। कार्यशाला में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ बसंत अग्निहोत्री ने बताया कि नये खसरा तथा रूबेला नियंत्रण वैक्सीन पूर्व की तुलना में अधिक कारगर है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। पूरे देश में 15 करो? से अधिक बच्चों को एमआर टीका लगाया जा चुका है। बच्चों के अभिभावकों को भी एमआर वैक्सीन के संबंध में जागरूक करना आवश्यक है जिससे हर माता पिता अपने बच्चे का टीकाकरण करा सके। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विनय कौशिक तथा उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. एनपी पाठक ने अभियान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमआर वैक्सीन शिशुओं तथा किशोरियों के लिये वरदान साबित होगा। बैठक में अपर कलेक्टर बीके पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक के उपरांत कलेक्टर सहित अधिकारियों ने टीकाकरण संकल्प में हस्ताक्षर किये।
जिले में 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को घातक खसरा तथा रूबेला रोग से बचाव के लिये आगामी 15 जनवरी से फरवरी माह तक विशेष अभियान चलाकर टीका लगाया जायेगा। विद्यालयों, मदरसा, आंगनवाडी केन्द्रों, प्ले स्कूल तथा आश्रमों में दर्ज सभी बच्चों को अभियान के दौरान टीकाकरण किया जायेगा। मीजल्स रूबेला दस्तक की जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि जिले भर में 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों का चिन्हांकन कर सूची बनाते हुए विद्यालयवार टीकाकरण किये जाने की कार्ययोजना अनुसार अभिभावकों की उपस्थिति में टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित करायें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि टीकाकरण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो तथा इस पूरे कार्य की वीडियोग्राफी भी करायी जाय। कलेक्टर ने कहा कि जिन विद्यालयों के बच्चों को जिस तिथि में टीकाकरण किया जाय वहाँ बच्चों के अभिभावक भी रहें तथा पूरी सावधानी से बच्चों को अनुभवी व प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा टीका लगाये जायं। उन्होंने इस कार्य में शासकीय विभागों के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं, अशासकीय विद्यालयों से सहयोग की अपील की ताकि जिले का कोई भी बच्चा टीकाकरण से छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि मिशन इंन्द्रधनुष अभियान के तहत जिस प्रकार जिले में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की थी उसी अनुरूप मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान को भी जिले में सफलता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि बच्चों को घातक खसरा तथा रूबेला रोग से बचाव के लिये जिले भर में आगामी जनवरी तथा फरवरी माह में विशेष अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को खसरा एवं रूबेला रोग के नियंत्रण के टीके लगाये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय ने बताया कि जिले भर में नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों का चिन्हांकन करके सूची बनायी गयी है। सभी स्कूलों, मदरसा, आंगनवाड़ी केन्द्र, प्ले स्कूल तथा आश्रमों में दर्ज 15 साल तक के सभी लगभग 7 लाख बच्चों का अभियान के दौरान टीकाकरण किया जायेगा। अभियान को सफल बनाने के लिये स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जायेगा। अभियान में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा आदिमजाति कल्याण विभाग को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है। जन अभियान परिषद, नेहरू युवा केन्द्र, स्वयं सेवी संस्थाओं को भी अभियान से जोडा गया है। कार्यशाला में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ बसंत अग्निहोत्री ने बताया कि नये खसरा तथा रूबेला नियंत्रण वैक्सीन पूर्व की तुलना में अधिक कारगर है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। पूरे देश में 15 करो? से अधिक बच्चों को एमआर टीका लगाया जा चुका है। बच्चों के अभिभावकों को भी एमआर वैक्सीन के संबंध में जागरूक करना आवश्यक है जिससे हर माता पिता अपने बच्चे का टीकाकरण करा सके। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विनय कौशिक तथा उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. एनपी पाठक ने अभियान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमआर वैक्सीन शिशुओं तथा किशोरियों के लिये वरदान साबित होगा। बैठक में अपर कलेक्टर बीके पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक के उपरांत कलेक्टर सहित अधिकारियों ने टीकाकरण संकल्प में हस्ताक्षर किये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें