रीवा। शिक्षा सत्र का आधा से ज्यादा समय समाप्त हो चुका है और अब शिक्षा विभाग परिणाम सुधारने के लिए निश्चित पाठ्यक्रम पर फोकस करके इस वर्ष जिले का परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए प्रयासरत है। उसी के तहत रविवार को जिले के सवा 400 शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आश्वस्त किया गया कि वे अब कोर्स की पढ़ाई छोड़कर निश्चित पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चों को पढाई करवाएं तथा परीक्षा के हिसाब से उन्हें तैयार करें। जिससे होने वाली वार्षिक परीक्षा में जिले का परिणाम इस वर्ष अच्छा आ सके। बनाए गए प्रशिक्षण केन्द्र मार्तण्ड एक्सीलेंस स्कूल तथा पीके कन्या स्कूल में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। उक्त विषय के टीचरों को प्रशिक्षण के दौरान परिणाम सुधारने के लिए आब्जर्वर और जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी है। प्रशिक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी त्रिपाठी और आब्जर्वर ने टीचरों को समझाइश दी है कि वे बच्चों पर कसावट लाने की बजाय उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे बच्चों में पढाई के प्रति रुचि बढेगी और वे परीक्षा के हिसाब से तैयारी करेंगे। टीचरों की यह बडी जिम्मेदारी है कि बच्चों को वे प्रोत्साहित करके उन्हें बताएं कि निश्चित कोर्स पर पढाई करते हुए वे न सिर्फ परीक्षा में पास हो सकते हैं बल्कि परिणाम भी उनका अच्छा आएगा। इससे बच्चों में पढाई के प्रति और ज्यादा उत्साह बढेगा। बोर्ड परीक्षा में पढाई करने वाले कमजोर बच्चों को लेकर शिक्षा विभाग अब गंभीर हो गया है। रिमीडियल क्लास में ऐसे बच्चों को पढाई करने के लिए जहां प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं वहीं प्रशिक्षण में शामिल हुए विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के टीचरों को बताया गया है।
कि बोर्ड परीक्षा में हिस्सा ले रहे ऐसे कमजोर बच्चों पर वे विशेष नजर रखें और उन्हें दिए गए पाठ्यक्रम पर पढाई पूरी करवाएं। कई बार कोर्स पूरा करने के चक्कर में ऐसे बच्चों की तैयारी नहीं हो पाती और वे पढाई में असफल हो जाते हैं। जबकि समय है कि निश्चित कोर्स पर पढाई करेंगे तो बच्चे सफल होंगे और परिणाम भी जिले का अच्छा होगा। टीचरों को प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें बताया गया कि निश्चित पाठ्यक्रम पर फोकस करें और बच्चों को उस हिसाब से पढाई कराकर परीक्षा के लिए तैयार करें इससे जिले का परिणाम अच्छा आएगा।
कि बोर्ड परीक्षा में हिस्सा ले रहे ऐसे कमजोर बच्चों पर वे विशेष नजर रखें और उन्हें दिए गए पाठ्यक्रम पर पढाई पूरी करवाएं। कई बार कोर्स पूरा करने के चक्कर में ऐसे बच्चों की तैयारी नहीं हो पाती और वे पढाई में असफल हो जाते हैं। जबकि समय है कि निश्चित कोर्स पर पढाई करेंगे तो बच्चे सफल होंगे और परिणाम भी जिले का अच्छा होगा। टीचरों को प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें बताया गया कि निश्चित पाठ्यक्रम पर फोकस करें और बच्चों को उस हिसाब से पढाई कराकर परीक्षा के लिए तैयार करें इससे जिले का परिणाम अच्छा आएगा।
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